कोई तो बताओ भाई ! घाटी में इतनी बेचैनी की क्या है वजह?
घाटी में सैन्य बलों की अतिरिक्त तैनाती को वहां की सियासी पार्टियां संदेह भरी नजरों से देख रही हैं। पीडीपी और एनसी ने तो यहां तक आशंका जताई है कि केंद्र सरकार राज्य को मिले विशेष दर्जे अनुच्छेद 35ए के साथ छेड़छाड़ या उसे खत्म करने का फैसला ले सकती है। इस हलचल के बीच नेशनल कॉन्फ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत अन्य क्षेत्रीय दल के नेताओं ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलकर स्थिति साफ करने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने लोगों से कहा है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के हाल के दिनों में लिए गए कुछ फैसलों के बाद कश्मीर में अफरातफरी का माहौल है। कश्मीर घाटी में स्थितियां सामान्य नहीं हैं। वहां की फिजाओं में एक तरह की खामोशी और लोगों में बेचैनी है। उन्हें एक गुमनाम डर सता रहा है। सब तरफ चर्चा है कि कुछ बड़ा होने जा रहा है। लेकिन यह क्या होने जा रहा है इसकी खबर किसी को नहीं है।
हां ये जरूर है कि घाटी में सैन्य बलों की अतिरिक्त तैनाती को वहां की सियासी पार्टियां संदेह भरी नजरों से देख रही हैं। पीडीपी और एनसी ने तो यहां तक आशंका जताई है कि केंद्र सरकार राज्य को मिले विशेष दर्जे अनुच्छेद 35ए के साथ छेड़छाड़ या उसे खत्म करने का फैसला ले सकती है। इस हलचल के बीच नेशनल कॉन्फ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत अन्य क्षेत्रीय दल के नेताओं ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलकर स्थिति साफ करने का अनुरोध किया। राज्यपाल ने लोगों से कहा है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और शांति बनाए रखें।
दरअसल, जुलाई के पिछले सप्ताह से घाटी में तेजी के साथ हलचल शुरू हुई है। अचानक से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनाती का फैसला लिया गया है। प्रशासनिक स्तर पर जारी निर्देश और फिर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी छोड़ने के आदेश ने वहां के स्थानीय लोगों और सियासी पार्टियों की बेचैनी बढ़ा दी है।
इसी बीच दिल्ली से श्रीनगर जा रही फ्लाइट से विदेशी नागरिक उतार दिए गए हैं। ये सभी यात्री न्यूज़ीलैंड के थे और श्रीनगर जा रहे थे। इन यात्रियों को दूतावास की तरफ से संदेश दिया गया था कि श्रीनगर जाना इस वक्त सुरक्षित नहीं है,लिहाजा वो प्लेन से उतर गए। ये वाक्या दिल्ली एयरपोर्ट का है। घाटी में अभी अमरनाथ यात्रियों सहित करीब 11 हजार पर्यटक और 200 से ज्यादा विदेशी नागरिक हैं।
इससे पहले सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार को अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें खुफिया इनपुट्स मिला है। आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं। अमरनाथ यात्रा मार्ग में आतंकियों के ठिकाने से पाकिस्तानी फौज निर्मित लैंड माइन और अमेरिका निर्मित स्नाइपर राइफल बरामद हुई है।
सेना की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के कुछ घंटे बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने एडवाइजरी जारी की, जिसमें अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों से तत्काल घाटी छोड़ने के लिए कहा गया। इस निर्देश के बाद यात्री और पर्यटक घाटी से निकलना शुरू भी हो गए हैं।
चर्चा और अटकलें इस बात की भी हैं कि 15 अगस्त या इससे पहले केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर पर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है और इस ऐलान के बाद वहां सुरक्षा व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए सुरक्षाबलों की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हाल ही में कश्मीर की यात्रा कर लौटे हैं।
गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिले। जनरल रावत के साथ अन्य सैन्य कमांडर भी थे, जिन्होंने घाटी के ताजा सुरक्षा हालात की जानकारी राज्यपाल मलिक को दी। अनुच्छेद 35ए का मसला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट इस पर सुनवाई करने वाला है। सरकार का रुख इस पर क्या रहता है, क्या वह 35ए पर कोई नया हलफनामा देती है यह देखने वाली बात होगी। अभी सभी की नजरें केंद्र सरकार पर टिकी हैं।
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