निष्ठा, समर्पण, देशभक्ति और आजादी का पर्व है स्वतंत्रता दिवस
प्रतिवर्ष 15 अगस्त को आजादी का पर्व यानी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। हम और हमारा देश आज ही के दिन आजाद हुआ था। उन शहीदों के प्रति आज श्रद्धा से शीष अपने आप झुक जाते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी है। देश के नाम जान कुर्बान किया है। हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले से लगा लिया। हम भारतवासियों को पुनीत कर्तव्य है कि हम अपने स्वतंत्रता की रक्षा करें। देश का नाम रोशन करें।
जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं, वह ह्रदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। जी हां, अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष भी 15 अगस्त को देशभर में आजादी का पर्व मनाया जाएगा। पूरा देश देशभक्ति के गीतों के गुंजायमान होगा। देश के कोने-कोने में हर्ष एवं उल्लास के साथ देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। देशवासी पूरी निष्ठा, समर्पण और देशभक्ति के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे। देश के वीर सपूतों और स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाएगा। देशवासी स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पण करेंगे। आजादी दिवस पर हम सभी राष्ट्रीयता, आपसी भाईचारे और निष्ठा से ओत-प्रोत होते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे झंडातोलन
देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस पर देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इस दिन स्कूलों से लेकर सरकारी और निजी दफ्तरों में तिरंगा फहराया जाता है। इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं। तमाम स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है।
अंग्रेजों की दास्ता में मिली आजादी
हम भारतवासी प्रतिवर्ष 15 अगस्त को आजादी का पर्व मनाते हैं। लालकिला पर झंडातोलन का आयोजन किया जाता है। प्रधानमंत्री झंडारोहण करते हैं। ध्वजारोहण के उपरांत राष्ट्र गान गाया जाता है। प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हैं। देशभर के सरकारी प्रतिष्ठानों-सैक्षणिक संस्थानों यहां तक कि दफतरों और घरों में भी तिरंगा फहराया जाता है। दरअसल,15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजों की दास्ता से आजादी मिली थी। भारत 190 वर्षों की गुलामी के पश्चात आजाद हुआ था। अंग्रेजों के लगातार बढ़ते अत्याचारों से जब भारतवासी त्रस्त हो गए, तब विद्रोह की ज्वाला भड़की और देश के अनेक वीरों से जान की बाजी लगाई, गोलियां खाई और अततः आजादी पाकर ही चैन लिया।
देश के वीर सपूतों ने दिलाई आजादी
अंग्रेजों के अत्याचारों और अमानवीय व्यवहारों से त्रस्त भारतीय एकजुट हेकर इससे छुटकारा पाने के लिए कृतसंकल्प हो गए। मंगल पांडे, वीर कुंवर सिंह, महारानी लत्क्ष्मी बाई, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, वीर सावरकर, सुखदेव और राजगुरु जैसे क्रांतिकारियों ने क्रांति की आग फैलाई और अपने प्राणों की आहुति दी। तत्पश्चात सरदार भल्लभभाई पटेल, महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय और बाल गंगाधर तिलक जैसे सेनानियों ने सत्य, अहिंसा और बिना हथियारों की लड़ाई लड़ी। सत्याग्रह आंदोलन किए, लाठियां खाई, जेल गए और अंग्रेजों को हमारा देश छोड़ेकर जाने पर मजबूर कर दिया। 15 अगस्त 1947 का दिन हम भारतीयों के लिए स्वर्णिम दिन बन गया।
देश की प्रगति में बनें साधक
प्रतिवर्ष 15 अगस्त को आजादी का पर्व यानी स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। हम और हमारा देश आज ही के दिन आजाद हुआ था। उन शहीदों के प्रति आज श्रद्धा से शीष अपने आप झुक जाते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी है। देश के नाम जान कुर्बान किया है। हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले से लगा लिया। हम भारतवासियों को पुनीत कर्तव्य है कि हम अपने स्वतंत्रता की रक्षा करें। देश का नाम रोशन करें। देश की प्रगति में बाधक नहीं साधक बने। भय, भूख और भ्रष्टाचार को मिटानें में सहयोग करें। स्वतंत्रता का न तो स्वयं दुरुप्योग करें और न दूसरों को करने दें। एकता एवं अखंडता की भावना से रहें। आंतरिक कलह से बचें। राष्ट्र के प्रति हमेशा वफादार रहें।
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