Corona Effect : क्या लॉकडाउन और देशभर के हॉटस्पॉट्स की सीलिंग से हो सकेगा कोरोना वायरस का सफाया?
राजस्थान के भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के 27 मामले एक साथ सामने आए थे। एकबारगी लगने लगा था कि कपड़ा उद्योग के लिए मशहूर इस शहर को अब बचाना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान पूरे शहर को ही सील कर दिया। इसी का नतीजा है कि वहां संक्रमण के नए मामले सामने आने बंद हो गए। इसी के साथ भीलवाड़ा ने यह बता दिया कि किसी क्षेत्र को पूरी तरह से सील करके संक्रमण के विस्तार को किस तरह रोका जा सकता है।
दुनियाभर के देशों की तरह भारत में भी कोरोना वायरस का कहर बरपा है। कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोज कई लोगों की मौत हो रही है। लिहाजा, ऐसे बदलते और बिगड़ते हालात से निपटने की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे संक्रमण को नियंत्रित करने की रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश के 15 जिलों और दिल्ली में संक्रमण के हॉटस्पॉट को पूरी तरह से सील करने की घोषणा हुई।
सीलिंग की घोषणा के साथ ही यह साफ हो गया कि अगली रणनीति सामने आ चुकी है। दो अलग-अलग प्रदेशों में एक साथ की यह घोषणा बताती है कि इसको लेकर केंद्रीय स्तर पर अच्छा समन्वय है। भले ही यह बात भी कही जा रही हो कि लॉकडाउन को लेकर फैसला बहुत कुछ राज्यों की इच्छा पर निर्भर करेगा।
देश के दो अन्य राज्यों में भी कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं हुई हैं। एक तो पंजाब सरकार ने राज्य में लागू कर्फ्यू को 1 मई तक बढ़ाने का फैसला किया। जब पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया था,तब पंजाब सरकार ने प्रदेश में तीन सप्ताह का कर्फ्यू लागू कर दिया था।
हालांकि,दूसरे कई प्रदेशों के मुकाबले पंजाब में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन शुरू में यह वहां जितनी तेजी से फैलता दिख रहा था, उसके खतरों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला किया था, और ऐसा लगता है कि वहां संक्रमण की रफ्तार थामने में इससे मदद भी मिली।
दूसरी तरफ, ओडिशा ने अपने यहां जारी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 30 अप्रैल तक करने की घोषणा कर दी है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि तीन सप्ताह बाद वर्तमान लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद की रणनीति के लिए सरकारें सक्रिय हो चुकी हैं। संक्रमण की स्थिति में किसी इलाके को पूरी तरह से सील कर देना कितना महत्वपूर्ण हो सकता है, इसे हम पिछले दिनों राजस्थान के भीलवाड़ा में देख चुके हैं।
राजस्थान के भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के 27 मामले एक साथ सामने आए थे। एकबारगी लगने लगा था कि कपड़ा उद्योग के लिए मशहूर इस शहर को अब बचाना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान पूरे शहर को ही सील कर दिया। इसी का नतीजा है कि वहां संक्रमण के नए मामले सामने आने बंद हो गए। इसी के साथ भीलवाड़ा ने यह बता दिया कि किसी क्षेत्र को पूरी तरह से सील करके संक्रमण के विस्तार को किस तरह रोका जा सकता है।
चीन ने वुहान में यही तरीका अपनाया था। एक सुझाव यह भी आया है कि हॉटस्पॉट माने जाने वाले इलाकों को सील कर बाकी जगह लॉकडाउन में कुछ ढील दे दी जाए। इसका समय अभी आया है या नहीं, यह सब विशेषज्ञों पर ही छोडऩा होगा। प्रधानमंत्री आज या आज के बाद इस पर कोई निर्णय ले सकते हैं। उनकी देशभर के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हो चुकी है।
वास्तव में लॉकडाउन जो मुश्किलें बढ़ा चुका है, सीलिंग उसमें और ज्यादा इजाफा कर देगी। जाहिर है, इसमें राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन की ज्मिेदारियां और चुनौतियां भी बढ़ जाएंगी। सीलिंग का अर्थ यह है कि लोग अपने घर से नहीं निकल सकेंगे और उनकी जरूरत का सारा सामान प्रशासन को उनके घर पहुंचाना होगा।
यह ऐसा काम है, जो नौकरशाही के पुराने ढुलमुल रवैये से नहीं हो सकेगा। जिस तरह से नई चुनौतियां उभर रही हैं, सभी अपने आप को बदल रहे हैं, प्रशासनिक तंत्र को भी बदलना ही होगा। फिलहाल चुनौती संक्रमण को रोकने की है, हर वह काम जो इसके लिए जरूरी है, वह सभी को करना ही होगा।
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