तेलंगाना एनकाउंटर मामला : SC ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का किया गठन, पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता वाले आयोग को 6 महीने में दाखिल करेनी होगी जांच रिपोर्ट
देश की सर्वोच्च अदालत ने तेलंगाना एनकाउंटर मामले की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग की अध्यक्षता सर्वोच्च अदालत के पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर करेंगे। यह आयोग छह महीने में अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च अदालत में दाखिल करेगा। अदालत ने कहा है कि इस अदालत के अगले आदेश तक कोई अन्य अदालत या प्राधिकरण इस मामले में पूछताछ नहीं करेगा।
देश की सर्वोच्च अदालत ने तेलंगाना एनकाउंटर मामले की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग की अध्यक्षता सर्वोच्च अदालत के पूर्व न्यायाधीश वीएस सिरपुरकर करेंगे। यह आयोग छह महीने में अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च अदालत में दाखिल करेगा। अदालत ने कहा है कि इस अदालत के अगले आदेश तक कोई अन्य अदालत या प्राधिकरण इस मामले में पूछताछ नहीं करेगा।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम विचार कर रहे हैं कि इस मुठभेड़ की एक स्वतंत्र जांच हो। इस पर तेलंगाना पुलिस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट ने शीर्ष अदालत ने मामले की जांच की निगरानी करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश को पहले नियुक्त किया है और एक न्यायाधीश जांच नहीं कर सकते है।
इससे पहले बुधवार को सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि वह इस मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश को नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की पीठ ने कहा, ‘हम इस तथ्य के प्रति सचेत हैं कि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने इस घटना का संज्ञान लिया है।’
पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत सिर्फ यही चाहती है कि उच्चतम न्यायालय के दिल्ली में रहने वाले किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच करनी चाहिए। हमारा प्रस्ताव शीर्ष अदालत के किसी पूर्व न्यायाधीश को इस मामले की जांच के लिए नियुक्त करने का है। पीठ ने स्पष्ट किया कि इस घटना की जांच करने वाले पूर्व न्यायाधीश को दिल्ली में रहकर काम करना होगा।
पीठ ने इसके साथ ही इस मुठभेड़ की विशेष जांच दल से स्वतंत्र जांच कराने के लिए दायर जनहित याचिकाओं को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया। तेलंगाना सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और अधिवक्ता कृषांक कमार सिंह ने कहा कि उन्होंने मुठभेड़ के मामले में शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित निर्देशों का पालन किया है और सारे मामले को पहले ही राज्य सीआईडी के सुपुर्द कर दिया है।
गौरतलब है कि संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने के लिए शीर्ष अदालत में दो याचिकाएं दायर की गई हैं। पहली याचिका अधिवक्ता जी.एस. मणि ने जबकि दूसरी याचिका अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने दायर की है।
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