नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा से भी मिली मंजूरी,राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून,पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों मिलेगी नागरिकता

राज्यसभा से भी नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल गई है। विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि 105 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। विधेयक पर मतदान से पहले इसे सेलेक्ट कमिटी को भेजने के लिए भी वोटिंग हुई, लेकिन यह प्रस्ताव गिर गया।

नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा से भी मिली मंजूरी,राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून,पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों मिलेगी नागरिकता
GFX of CAB with Home Minister Amit Shah
नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा से भी मिली मंजूरी,राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून,पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों मिलेगी नागरिकता
नागरिकता संशोधन विधेयक को राज्यसभा से भी मिली मंजूरी,राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून,पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों मिलेगी नागरिकता

लोकसभा के बाद बुधवार को राज्यसभा से भी नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी मिल गई है। विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि 105 सांसदों ने इसके खिलाफ मतदान किया। विधेयक पर मतदान से पहले इसे सेलेक्ट कमिटी को भेजने के लिए भी वोटिंग हुई, लेकिन यह प्रस्ताव गिर गया। सेलेक्ट कमिटी में भेजने के पक्ष में महज 99 वोट ही पड़े, जबकि 124 सांसदों ने इसके खिलाफ वोट दिया। इसके अलावा संशोधन के 14 प्रस्तावों को भी सदन ने बहुमत से नामंजूर कर दिया। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक एक्ट यानी अधिनियम में तब्दील हो जाएगा।

शिवसेना और बीएसपी ने किया सदन से वॉकआउट

राज्यसभा में करीब छह घंटे चली बहस के बाद सांसदों ने मतदान किया। पर दिलचस्प बात यह रही कि लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना के तीन सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। दरअसल, लोकसभा में विधेयक का समर्थन करने को लेकर महाराष्ट्र में उसके साथ सरकार चला रही कांग्रेस ने शिवसेना से ऐतराज जताया था। इसके अलावा मायावती की पार्टी बीएसपी के दो सांसदों ने भी वोटिंग का बहिष्कार किया।

सोनिया गांघी ने बताया काला दिन

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद प्रतिक्रिया दी। सोनिया गांधी ने कहा कि यह भारत के इतिहास में काला दिन है। इसके अलावा विधेयक पर मतदान का बहिष्कार करने वाली पार्टी शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता दी जानी चाहिए, लेकिन उन्हें चुनाव में मतदान का अधिकार नहीं मिलना चाहिए।

विपक्ष ने बताया भेदभाव करने वाला विधेयक

विपक्ष ने विधेयक को अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने वाला बताया। विपक्ष के राज्यसभा में नेता गुलाम नबी आजाद ने पूछा कि इस बिल में केवल तीन देशों का और सिलेक्टिव धर्मों का ही चुनाव क्यों किया गया है। आजाद ने कहा कि भूटान, श्रीलंका और म्यांमार में भी हिंदू रहते हैं और अफगानिस्तान के मुसलमानों के साथ भी अन्याय हुआ,लेकिन उनको विधेयक के प्रावधान में शामिल नहीं किया गया है।

'देश धर्म के आधार पर न बंटता,तो न आता बिल'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यदि देश का धार्मिक आधार पर बंटवारा न होता तो यह बिल न लाना पड़ता। अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आखिर जिन लोगों ने शरणार्थियों को जख्म दिए हैं, वही अब जख्मों का हाल पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'यदि कोई सरकार पहले ही इस समस्या का समाधान निकाल लेती तब भी यह बिल न लाना पड़ता।'

किसे मिलेगी नागरिकता?

पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को इस विधेयक में नागरिकता देने का प्रस्ताव है। इस विधेयक में इन तीनों देशों से आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है।