क्या पीपीपी मॉडल से मिलेगी रेलवे को रफ्तार ?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल से रेलवे को रफ्तार देने का काम करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट भाषण के दौरान इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि रेलवे के विस्तार के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी), आदर्श किराया कानून का इस्तेमाल किया जाएगा।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल से रेलवे को रफ्तार देने का काम करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट भाषण के दौरान इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि रेलवे के विस्तार के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी), आदर्श किराया कानून का इस्तेमाल किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को 2018-2030 के बीच 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इसके लिए जनभागीदारी बढ़ाई जाएगी। इस बजट में रेल और मेट्रो की 300 किमी की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके साथ बजट में राष्ट्रीय कार्ड का एलान किया गया है। जिसका उपयोग सड़क, रेलवे समेत परिवहन के सभी साधनों में उपयोग किया जा सकता है।
केंद्रीय वित्त ने रेलवे किराए में सुधार के लिए आदर्श किराया कानून बनाने का भी प्रस्ताव पेश किया। इस कानून के जरिए रेल यात्रियों की जरूरत, सुविधाओं और विभागीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे किराया तय करेगी।
प्राइवेट ट्रेनों का होगा संचालन
वित्त मंत्री ने इस बजट के तहत साफ, सुरक्षा और समयबद्ध रेल यात्रा पर जोर दिया है। उन्हेंने वताया कि साल 2019-20 के बजट में 300 किलोमीटर मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी मिली है। इस साल 657 किलोमीटर नए मेट्रो रेल नेटवर्क पर संचालन शुरू हो जाएगा। रेलवे में निजी भागीदारी के साथ सरकार देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि रेलवे में निजी भागीदारी के साथ सरकार देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करेगी। इंडियन रेलवे की योजना है कि निजी भागीदारों को पर्यटन वाले रूट पर कुछ चुनिंदा ट्रेनें संचालित करने की अनुमति प्रदान की जाए। सरकार की 100 दिन की योजना के तहत दो ट्रेनें संचालन के लिए आईआरसीटीसी को दी जाएंगी। इसके जरिए ट्रेन यात्रियों को और प्रीमियम सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा।
आदर्श किराया कानून बनेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतीरमण ने बताया कि किराए में सुधार के लिए आदर्श किराया कानून बनाने का भी प्रस्ताव है। इसके जरिए रेलवे यात्रियों की जरूरत, सुविधाओं और विभाग की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किराया तय करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार माल वहन के लिए नदी मार्ग का उपयोग करने की परिकल्पना भी कर रही है, जिससे कि सड़क एवं रेल मार्ग पर भीड़भाड़ के कारण रूकावटें कम हो सकें। उन्होंने बताया कि रेलवे नेटवर्क का कंजेशन खत्म करने के लिए जलमार्ग भी तेजी से विकसित किए जा रहे हैं। रेलवे को एसपीवी के जरिये उपनगरीय रेल नेटवर्क में अधिक से अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वित्तमंत्री ने कहा कि हम न केवल तेज रफ्तार ट्रेन चलाने की दिशा में काम कर रहे हैं, बल्कि ट्रैक और सिग्नलिंक के आधुनिकीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा
वित्तमंत्री ने बताया कि सरकार का प्रयास है कि स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाया जाए। इसके लिए रेलवे ने फ्रांस के साथ समझौता किया है, जिसके तहत ढांचागत विकास पर सरकार सात लाख यूरो खर्च करेगी। इंडियन रेलवे पहले ही स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने की दिशा में काम शुरू कर चुकी है। इसके मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हबीबगंज स्टेशन पर काम किया जा रहा है। अब रेलवे स्टेशनों को मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जाएगा। मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब का मतलब है कि अब लोगों को रेलवे स्टेशन से ही कई तरह के परिवहन साधन उपलब्ध होंगे। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन (IRSDC) वर्तमान में मध्य प्रदेश के हबीबगंज स्टेशन और गुजरात के गांधी नगर स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित कर रहा है।
सुरक्षा का खास ख्याल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजटीय भाषण में बताया कि इस बार भी हमारा फोकस सुरक्षित रेल यात्रा पर होगा। यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टेशनों और ट्रेनों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत 100 करोड़ रुपये से भी कम लागत में देश में बनाई गई वंदे भारत एक्सप्रेस या ट्रेन 18 इंडियन रेलवे की फ्लैगशिप ट्रेन में शामिल है। उन्होंने कहा कि रेल बजट 2019 में हम केवल इस उपलब्धि का बखान नहीं करना चाहते, बल्कि ये भी घोषणा करना चाहते हैं कि आगे भी इस तरह की ट्रेनों का उत्पादन जारी रहेगा।
रेल किराए में कोई बढ़ोत्तरी नहीं
यात्रियों के लिए सबसे बड़ी राहत ये है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल बजट पेश करते हुए यात्री किराए में किसी तरह की बढ़ोत्तरी की घोषणा नहीं की है। मतलब यात्री किराए में कोई परिवर्तन नहीं होगा। साथ ही बजटीय भाषण में उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे स्टेशनों के जीर्णोद्धार के लिए रेलवे द्वारा इस वर्ष एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।
आधुनिकीकरण के लिए 50 लाख करोड़ की आवश्यकता
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि 12 साल में रेलवे को 50 लाख करोड़ रुपये की जरूर होगी। जिसमें रेलवे की परियोजनाओं को साल 2018 से साल 2030 तक पूरा होना है। रेलवे के ढांचागत विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसमें रेल पटरी के विस्तार और सुधारीकरण के साथ स्टेशन का ढांचा भी शामिल होगा। स्टेशनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने का लक्ष्य है, ताकि वहां हर तरह की सुविधा मौजूद हो। रेलवे ने बांद्रा टर्मिनस, कोलकाता व कानपुर सेंट्रल समेत देश के 22 मुख्य रेलवे स्टेशनों का विश्वस्तरीय पुनर्विकास कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का लक्ष्य इन स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मुहैया कराने पर है।
ट्रैक और सिग्नल का होगा आधुनिकीकरण
वित्तमंत्री ने कहा कि हम न केवल तेज रफ्तार ट्रेन चलाने की दिशा में काम कर रहे हैं, बल्कि ट्रैक और सिग्नलिंक के आधुनिकीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भारतीय रेलवे जल्द यूरोपीयन सिग्नलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपनाने पर भी विचार कर रहा है। इससे रेल यात्रा में न केलव तेजी आएगी, बल्कि ये पहले से ज्यादा सुरक्षित भी होगी।
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