रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'न्यूक्लियर पॉलिसी' पर क्या दिया बड़ा बयान?
रक्षामंत्री राजलाथ सिंह ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर भारत के 'नो फर्स्ट यूज' सिद्धांत में बदलाव के संकेत दिए हैं। राजनाथ सिंह ने साफ शब्दों में कहा है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर भारत अपने 'नो फर्स्ट यूज' सिद्धांत पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। लेकिन भविष्य में क्या होगा यह हालातों पर निर्भर करेगा।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच न्यूक्लियर पॉलिसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। रक्षामंत्री ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर भारत के 'नो फर्स्ट यूज' सिद्धांत में बदलाव के संकेत दिए हैं। राजनाथ सिंह ने साफ शब्दों में कहा है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर भारत अपने 'नो फर्स्ट यूज' सिद्धांत पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। लेकिन भविष्य में क्या होगा यह हालातों पर निर्भर करेगा। रक्षा मंत्री ने यह महत्वपूर्ण बयान पोखरण में दिया। पोखरण में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि भी दी।
आपको बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है। उसे विश्व समुदाय से भी समर्थन नहीं मिल रहा है और उसी बौखलाहट में पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने कुछ दिन पहले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने संबंधी कदम को अवैध करार दिया था।
इमरान ने कहा था कि यह परमाणु हथियारों से लैस दो पड़ोसी देशों के बीच संबंधों को और अधिक बिगाड़ेगा। इमरान ने कश्मीर के हालात पर अपने मलेशियाई समकक्ष महातिर मोहम्मद के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की थी। इमरान खान ने अपनी बातचीत के दौरान कहा था कि कश्मीर का दर्जा बदलने का कदम अवैध है और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है।
इससे पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पोखरण वह स्थान है जो अटल बिहारी वाजपेयी के दृढ़ निर्णय का गवाह बना। अटल जी के इस फैसले से भारत परमाणु शक्तिसंपन्न देश बन गया। उन्होंने कहा कि यह एक संयोग ही है कि आज मैं जैसलमेर में इंटरनेशनल आर्मी स्काउट कम्पीटिशन के लिए आया था और आज ही अटल बिहारी वाजपेयी जी की पहली पुण्यतिथि है। इसलिए, मुझे लगा कि मुझे पोखरण की धरती पर ही उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए। ज्ञात को कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तब मई 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था।
Comments (0)