मुस्लिमों के खिलाफ नारेबाजी : बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोग हुए गिरफ्तार
जंतर-मंतर पर रविवार को प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के वकील और दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय समेत छह लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सभी छह लोगों अश्विनी उपाध्याय, विनोद शर्मा, दीपक सिंह, विनीत क्रांति, प्रीत सिंह और दीपक को औपचारिक रूप से आज गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज की थी।
डीसीपी (नई दिल्ली) दीपक यादव ने बताया कि सोमवार को जंतर-मंतर के पास एक संप्रदाय के खिलाफ कुछ लोगों द्वारा भड़काऊ नारेबाजी और टिप्पणियां करने का एक वीडियो सामने आया था। इस मामले में 8 अगस्त को हमने एक FIR दर्ज की थी। हमने वीडियो की जांच करने के बाद 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर आयोजित किए गए 'भारत जोड़ो आंदोलन' कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों की तादाद में उमड़ी भीड़ में शामिल कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक मुस्लिम विरोधी नारे भी लगाए गए। प्रदर्शनकारियों ने 'हिन्दुस्तान में रहना होगा, जय श्रीराम कहना होगा' और 'जब मुल्ले काटे जाएंगे, राम-राम चिलाएंगे' जैसे नारे लगाए।
भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि वकील और पूर्व भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ था। हालांकि मुसलमान विरोधी नारेबाजी करने वालों से उन्होंने किसी तरह के संबंध से इनकार किया है। शिप्रा श्रीवास्तव ने कहा कि यह प्रदर्शन अंग्रेजी कानूनों के खिलाफ किया गया था और इस दौरान 222 ब्रिटिश कानूनों को खत्म करने की मांग की गई। हमने वीडियो देखा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं है कि वे कौन थे। पुलिस को नारा लगाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अश्विनी उपाध्याय ने भी मुस्लिम विरोधी नारेबाजी की घटना में शामिल होने से इनकार किया।
मुस्लिम विरोधी नारेबाजी पर अल्पसंख्यक आयोग ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने जंतर-मंतर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी किए जाने के मामले में सोमवार को पुलिस को नोटिस जारी कर कहा था कि इस घटना को लेकर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद के निर्देश पर इस संस्था ने नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी किया और कहा कि वह मंगलवार को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर इस मामले का ब्योरा और की गई कार्रवाई की जानकारी दें।
रशीद ने कहा कि इस मामले में पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। नोटिस में पुलिस उपायुक्त से सवाल किया गया है, ''मुस्लिम विरोधी नारेबाजी करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? क्या इस मामले में कोई गिरफ्तारी हुई है और अगर हुई है तो आरोपी के खिलाफ किस धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है? आयोग ने यह भी पूछा, ''किसकी अनुमति से इस तरह का कार्यक्रम आयोजित हुआ और भविष्य में ऐसे कार्यक्रम को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? उधर, प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने एक बयान में कहा कि उसके प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। जमीयत के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस उपायुक्त से मुलाकात कर कार्रवाई की मांग की।
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