INX मीडिया मामला : दिल्ली हाईकोर्ट से भी नहीं मिली पी.चिदंबरम को राहत,कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्लिलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम को अभी जेल में ही रहना होगा। क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट से पी. चिदंबरम को राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की मुश्लिलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। आईएनएक्स मीडिया मामले में पी. चिदंबरम को अभी जेल में ही रहना होगा। क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट से पी. चिदंबरम को राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने पी. चिदंबरम और प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने आठ नवंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
कांग्रेस के 74 वर्षीय नेता ने यह कहते हुए जमानत का अनुरोध किया था कि साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं और ये जांच एजेंसियों के पास हैं। लिहाजा, वह उनमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने आठ नवंबर को चिदंबरम की जमानत याचिका का जोरदार विरोध किया और दलील दी कि वह गवाहों को प्रभावित करने और धमकी देने की कोशिश कर सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत में दलील दी कि धन शोधन मामले में और सीबीआई के मामले में अलग-अलग साक्ष्य हैं। पीएमएलए मामला कहीं अधिक गंभीर और जघन्य है। मेहता ने कहा कि यह एक आर्थिक अपराध है, जो कि अलग है।
इस पर पी. चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि शुरूआत से ही जांच एजेंसी का मामला यह कहीं से नहीं रहा कि कांग्रेस नेता ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन अचानक से अक्टूबर में यानी जब से चिदंबरम हिरासत में हैं, यह आरोप लगाया गया कि वह अहम गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं और उन्हें प्रभावित कर सकते हैं। चिदंबरम ने प्रवर्तन निदेशालय के इस दावे से इनकार किया कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया।
कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत के समक्ष अब तक पेश की गई कोई भी चीज उन्हें कथित अपराध से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं जोड़ती है। उन्हें सीबीआई के मामले में जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के 22 अक्टूबर के आदेश का जिक्र किया और इस बात उल्लेख किया कि यह कहा गया था कि भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ साक्ष्य से छेड़छाड़ करने, विदेश भागने और गवाहों को प्रभावित करने का कोई सबूत नहीं है।
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने एक नवंबर को चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए तिहाड़ जेल अधीक्षक को उन्हें स्वच्छ वातावरण और स्वच्छ पेयजल, घर में पकाया गया भोजन, मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली मशीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने पी, चिदंबरम को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उन्हें सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। चिदंबरम के वित्त मंत्री पद पर रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में विदेशों से 305 करोड़ रूपया प्राप्त करने के लिये विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में कथित अनियमियतताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को यह मामला दर्ज किया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस सिलसिले में 2017 में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया।
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