भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का सफाई अभियान जारी,सीबीआईसी के 22 अधिकारी किए गए जबरन सेवानिवृत्त
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 22 वरीय अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत कर दिया है। सुपरिंटेंडेंट रैंक के ये अधिकारी भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में आरोपी हैं। सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 के तहत जनहित में कार्रवाई के मूलभूत अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने इन्हें रिटायर कर दिया।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का सफाई अभियान जारी है। सरकार की ओर से भ्रष्टाचारी और नाकारा अधिकारियों की सेवा समाप्त करने का जो सिलसिला शुरु हुआ है वो अभी भी जारी है। इसी कड़ी में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 22 वरीय अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत कर दिया है। ये सभी अधिकारी कर विभाग के हैं। इससे पहले भी टैक्स डिपार्टमेंट के ही 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया था।
अबतक की यह तीसरी कार्रवाई
सुपरिंटेंडेंट रैंक के ये अफसर भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में आरोपी हैं। इसलिए, सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 के तहत जनहित में कार्रवाई के मूलभूत अधिकार का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने इन्हें रिटायर कर दिया। टैक्स अफसरों के खिलाफ जून से अब तक इस तरह की तीसरी कार्रवाई की गई है। इससे पहले सीबीआईसी के कमिश्नर स्तर के 15 और आयकर विभाग के 12 अधिकारियों को हटाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों स्वतंत्रतता दिवस के संबोधन में भी कहा था कि कर विभाग में कुछ लोगों ने अधिकारों का दुरुपयोग कर करदाताओं को प्रताड़ित किया है।
क्या है फंडामेंटल रूल 56 (जे)?
फंडामेंटल रूल 56 (जे) का इस्तेमाल 50 से 55 साल की उम्र या 30 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके उन अधिकारियों के खिलाफ किया जा सकता है जो नॉन परफॉर्मर हों या भ्रष्टाटार जैसे मामलों में आरोपी हों। सरकार के पास यह अधिकार है कि वह ऐसे अधिकारियों को जबरन रिटायरमेंट दे सकती है। ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-परफॉर्मिंग सरकारी सेवकों को रिटायर करना होता है। यह नियम बहुत पहले से ही प्रभावी है।
पहले भी हुई है कार्रवाई
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में यह पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। जून में 15 अधिकारियों की रिटायर किया गया था। वे अधिकारी सीबीआईसी के प्रधान आयुक्त, आयुक्त और उपायुक्त रैंक के थे। इनमें से ज्यादातर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोप हैं। आपको ज्ञात हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालते ही टैक्स विभाग के 12 वरिष्ठ अफसरों को जबरन रिटायर कर दिया था। अब तक कुल 49 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है।
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