कोरोना से डरिए मत सावधान रहिए, जानें कोरोना से बचने के लिए कौन से टेस्ट करवाने हैं जरूरी
देश में कोरोना की तीसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आपको कब टेस्ट कराने की जरूरत है और किस तरह के इलाज उपबल्ध हैं। शुरुआत में टेस्ट करा लेने से इलाज कराने में सहूलियत होती है।
रैपिड एंटीजन टेस्ट
इस टेस्ट के लिए नाक में एक पतली से नली से सैंपल लिया जाता है। नाक से लिए गए उस लिक्विड को टेस्ट किट में डाला जाता है। ये किट थोड़ी ही देर में बता देती है कि जिसका सैंपल डाला गया है वो कोरोना वायरस से संक्रमित है कि नहीं। ये किट उसी तरह होती है, जैसे प्रेग्नेंसी टेस्ट किट होती है। सैंपल डालने के बाद अगर 2 रेड लाइन आती है तो इसका मतलब है कि कोरोना पॉजिटिव है। एक लाइन आती है तो वो कोरोना नेगेटिव है।
तरीका- नाक से स्वैब लिया जाता है।
रिपोर्ट: समय- 15 से 20 मिनट
आरटी-पीसीआर
आरटी पीसीआर टेस्ट यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन टेस्ट। इस टेस्ट के जरिए व्यक्ति के शरीर में वायरस का पता लगाया जाता है। इसमें वायरस के आरएनए (आरएनए) की जांच की जाती है। जांच के दौरान शरीर के कई हिस्सों से सैंपल लेने की जरूरत पड़ती है।
तरीका- नाक एवं गले के तालू से स्वैब लिया जाता है।
रिपोर्ट: समय- 5 से 6 घंटे
एंटीबॉडी टेस्ट
यह शरीर में पूर्व में हुए कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए किया जाने वाला टेस्ट है। संक्रमित व्यक्ति का शरीर लगभग एक सप्ताह बाद लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है। 9वें दिन से 14वें दिन तक एंटीबॉडी बन जाती है।
तरीका : खून का सैंपल लेकर किया जाता है।
रिपोर्ट : एक घंटा
ट्रू नेट टेस्ट
ट्रू नेट मशीन के द्वारा न्यूक्लिक एम्प्लीफाइड टेस्ट किया जाता है। अभी इस मशीन से टीबी व एचआईवी संक्रमण की जांच की जाती है। अब कोरोना का स्क्रीन टेस्ट किया जा रहा है। इसमें वायरस के न्यूक्लियिक मटीरियल को ब्रेक कर डीएनए और आरएनए जांचा जाता है।
तरीका : नाक या गले से स्वैब लिया जाता है।
रिपोर्ट : तीन घंटे
सीटी वैल्यू और सीटी स्कोर
आरटी-पीसीआर टेस्ट में पता चलने वाली सीटी वैल्यू ये बताती है कि मरीज में वायरस लोड कितना है। 24 से कम वैल्यू वालों को खतरा ज्यादा है। इससे ऊपर वालों को कम। अधिक सीटी स्कोर आने वाले मरीजों को अधिक खतरा होता है।
रिपोर्ट आने में कितना समय लगता है?
आरटी पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में सामान्यतः 5 से 6 घंटे का समय लग सकता है। कई बार इससे ज्यादा समय भी लग सकता है। आरटी पीसीआर टेस्ट आपके शरीर में वायरस की मौजूदगी का पता लगाने में सक्षम है। यही वजह है कि कुछ लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण सामने न आने के बावजूद भी ये टेस्ट पॉजिटिव आता है। हालांकि, आगे चलकर वायरस के कोई लक्षण सामने आएंगे या नहीं, या फिर वायरस कितना गंभीर रूप ले सकता है, इसके बारे में आरटी पीसीआर टेस्ट के जरिए पता नहीं चल पाता।
टेस्ट के लिए कोई तैयारी भी करनी पड़ती है
इस टेस्ट के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन अगर आप कोई विशेष दवा, काढ़ा या जड़ीबूटी का सेवन कर रहे हैं तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही सैंपल दें। ऐसा इसलिए, ताकि आप जो दवा या काढ़े का सेवन कर रहे हैं, उसका रिपोर्ट पर असर नहीं दिखे। सैंपल देने के लिए भूखे रहने की आवश्यकता नहीं होती है। सैंपल कभी भी दिया जा सकता है।
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