कश्मीर में अब कश्मीरी राजपूतों को निशाना बना रहे आतंकी, टारगेट किलिंग के चलते घाटी छोड़ने को तैयार
कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का दंश झेल चुकी घाटी में अब कश्मीरी राजपूतों को निशाना बनाया जा रहा है। कश्मीर में अल्पसंख्यक राजपूत दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अपने एक सदस्य की हत्या के लिए कश्मीरी पंडितों के साथ अपने समुदाय को जोड़ने का आरोप लगाते हैं। कुलगाम जिले के काकरान गांव में कल आतंकियों ने राजपूत सतीश कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं।
कश्मीरी पंडितों के नरसंहार का दंश झेल चुकी घाटी में अब कश्मीरी राजपूतों को निशाना बनाया जा रहा है। कश्मीर में अल्पसंख्यक राजपूत दक्षिण कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अपने एक सदस्य की हत्या के लिए कश्मीरी पंडितों के साथ अपने समुदाय को जोड़ने का आरोप लगाते हैं। कुलगाम जिले के काकरान गांव में कल आतंकियों ने राजपूत सतीश कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। उनके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं।
राजपूतों ने इस हत्या का विरोध किया। बाद में स्थानीय प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया कि उनकी सुरक्षा और आजीविका संबंधी चिंताओं को दूर किया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने शव का अंतिम संस्कार किया।
दैनिक ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, समुदाय के नेताओं का कहना है कि राजपूत समुदाय 150 से अधिक वर्षों से कश्मीर में रह रहा है और उसे कभी भी मुसलमानों से किसी खतरे का सामना नहीं करना पड़ा।
कुलगाम के जगदीश सिंह ने कहा, "राजपूतों ने हमेशा उनकी (मुसलमानों) उपस्थिति में प्यार और सुरक्षा महसूस की है, लेकिन कश्मीर पंडित समुदाय के साथ जोड़कर हमारे बारे में एक खतरनाक नैरेटिव बुना जा रहा है।"
जगदीश सिंह ने मीडिया में "कश्मीरी मुस्लिम विरोधी" नैरेटिव का जिक्र करते हुए कहा, "कश्मीरी पंडितों की अपनी राजनीति होती है और हम उसमें शामिल नहीं हैं। वे गड़बड़ कर देते हैं और अन्य हिंदुओं को यहां परिणाम भुगतना पड़ता है।"
जनवरी 2021 से कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा पंडितों के अलावा कम से कम तीन कश्मीरी हिंदू मारे गए हैं। स्थानीय मुसलमानों ने राजपूत समुदाय को अपना समर्थन दिया है, लेकिन वे भी हत्याओं को रोकने में डर और असहाय महसूस करते हैं।
एक स्थानीय मुस्लिम ने कहा, “पड़ोसी की हत्या से गांव में हर कोई पीड़ित है, लेकिन स्थिति इतनी खराब है कि हम कुछ कह या कर नहीं सकते हैं। हम असहाय हैं।” राजपूत समुदाय के सदस्य रविंदर सिंह ने कहा, 'हमने यहां रहने का भरोसा खो दिया है। नागरिकों की हत्या कौन कर रहा है, इसका पता लगाने के लिए जांच शुरू की जानी चाहिए।"
एक अन्य राजपूत अशोक सिंह सुरक्षा के अभाव में कश्मीर छोड़ना चाहते हैं। वे कहते हैं, “हम यहां शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। सरकार हमें वाहन मुहैया कराए ताकि हम तुरंत यहां से निकल सकें।"
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