अयोध्या पर सुप्रीम फैसले का काउंटडाउन शुरू, गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को जारी की एडवायजरी,अयोध्या में प्रशासन मुस्तैद,ड्रोन से शहर की निगरानी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सभी राज्यों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश में विशेषकर अयोध्या में सुरक्षा तैनाती के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों को भेजा गया है। स्थानीय पुलिस भी ड्रॉन से नजर बनाए हुए है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में होगा, लिहाजा, लेकर पहले ही संवेदनशील इलाकों में अलर्ट किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्रशसित प्रदेशों के लिए एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय की इस एडवाइजरी में सभी रीज्यों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले राज्यों को चौकस रहने के लिए कहा गया है। अयोध्या और भोपाल में पहले ही फैसले से पहले धारा 144 लागू कर दी गई है।
मंत्रालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले सभी राज्यों को सतर्क रहने और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश में विशेषकर अयोध्या में सुरक्षा तैनाती के लिए अर्धसैनिक बल के जवानों को भेजा गया है। स्थानीय पुलिस भी ड्रॉन से नजर बनाए हुए है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश में होगा, लिहाजा, लेकर पहले ही संवेदनशील इलाकों में अलर्ट किया गया है।
अयोध्या को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कई शांति समितियों का गठन भी किया है। कमेटियों में शामिल लोग जिले के गांवों में जाकर लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। बाहर के जिलों में दर्जनों की संख्या में अस्थायी जेल परिसरों का निर्माण किया गया है। स्कूल और प्राइवेट बिल्डिंगों को अस्थायी जेल के लिए चिन्हित किया गया है। अयोध्या के हर इलाके में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां भेजी गई हैं।
आपको बताते चलें कि अयोध्या में भूमि विवाद पर फैसले की तारीख नजदीक आ रही है। सुनवाई पूरी होने के बाद इस समय सभी पक्षों के वकीलों के दावों और सबूतों की जांच के साथ ही फैसला लिखा जा रहा है। इस बीच कोर्ट के गलियारों और आम लोगों के बीच यह चर्चा है कि फैसला किसी भी तारीख को आ सकता है। कुछ लोगों का कहना है कि फैसला शुक्रवार 8 नवंबर को ही आ जाएगा।
फैसले की संभावित तारीखों में से 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर को फैसला आने की संभावना जताई जा रही है। कोर्ट के कैलेंडर पर गौर करें तो कार्यदिवसों में सात और आठ नवंबर हैं। 9, 10,11 और 12 नवंबर को छुट्टियां हैं। फिर कार्तिक पूर्णिमा के बाद कोर्ट 13, 14 और 15 नवंबर को ही खुलेगा। 16 नवंबर को शनिवार और 17 को रविवार है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रविवार यानी 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएगें।
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