बंद करो सांसद फंड
मोदी सरकार यदि प्रशासनिक सह राजनीतिक भ्रष्टाचार पर कारगर प्रहार करने की ठोस शुरूआत करना चाहती है तो उसे सांसद फंड को तत्काल बंद कर देना चाहिए। यह फंड, ‘भ्रष्टाचार के रावण’ की नाभि का अमृत कुंड बन चुका है। जानकार लोग बताते हैं कि इस फंड में से 40 से 50 प्रतिशत राशि कमीशन खोरी में चली जाती है।
सुरेंद्र किशोर :
मोदी सरकार यदि प्रशासनिक सह राजनीतिक भ्रष्टाचार पर कारगर प्रहार करने की ठोस शुरूआत करना चाहती है तो उसे सांसद फंड को तत्काल बंद कर देना चाहिए। यह फंड, ‘भ्रष्टाचार के रावण’ की नाभि का अमृत कुंड बन चुका है। जानकार लोग बताते हैं कि इस फंड में से 40 से 50 प्रतिशत राशि कमीशन खोरी में चली जाती है।
सभी सांसद या अफसर तो रिश्वत नहीं लेते पर अधिकतर लेते हैं। इस मद में रिश्वतखोरी आरोप में एक सांसद की सदस्यता भी जा चुकी है। स्टिंग आपरेशन में फंसे थे। अनेक आई.ए.एस.अफसरों को अपने सेवा काल के प्रारंभिक वर्षों में ही सांसद फंड चखने का अवसर मिल जाता है। वैसी लत सेवाकाल के आखिरी वर्षों तक बनी रहती है।
प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिंह राव को हर्षद मेहता से एक करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप लगा था। उसी राव साहब ने इस फंड को शुरू करके पूरी राजनीति को ही गंदा बना देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उनकी नाक कटी तो उन्होंने अधिकतर की नाक कटवा देने की भूमिका तैयार कर दी।
सांसद फंड, सांसदों के दबाव के कारण तब से किसी भी प्रधानमंत्री को बंद करने की हिम्मत नहीं हुई। पर यदि है तो यह हिम्मत सिर्फ नरेंद्र मोदी में है, ऐसा मैं महसूस कर रहा हूं।
मोदी जी, नाभि पर वार किए बिना आप रावण को कत्तई नहीं मार सकेंगे !
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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