Corona Update : यहां पढ़िए और जानिए,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में क्या-क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्र के नाम 25 मिनट के अपने संबोधधधन में उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल से कुछ जरूरी चीजों की अनुमति दी जाएगी। अगर आपके इलाके में कोरोना पैर पसारता है,तो ये अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी। पिछले 26 दिन में नरेंद्र मोदी का देश के नाम यह चौथा संदेश था। अपने संबोधन से के दौरान प्रधानमंत्री ने और क्या-क्या कहा, यहां विस्तार से पढ़िए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्र के नाम 25 मिनट के अपने संबोधधधन में उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल से कुछ जरूरी चीजों की अनुमति दी जाएगी। अगर आपके इलाके में कोरोना पैर पसारता है,तो ये अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी। पिछले 26 दिन में नरेंद्र मोदी का देश के नाम यह चौथा संदेश था। अपने संबोधन से के दौरान प्रधानमंत्री ने और क्या-क्या कहा, यहां विस्तार से पढ़िए।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आप सभी देशवासियों की तपस्या और त्याग की वजह से भारत अब तक कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा। आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश और भारत वर्ष को बचाया है। मैं जानता हूं कि आपको कितनी दिक्कतें आई हैं। किसी को आने जाने की परेशानी, कोई घर-परिवार से दूर है। लेकिन आप देश की खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं आप सभी को आदरपूर्वक नमन करता हूं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘हमारे संविधान में जिस वी द पीपल ऑफ इंडिया की शक्ति की बात कही गई है, वह यही तो है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर हम भारत के लोगों की तरफ से अपनी सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन और संकल्प बाबा साहब को श्रद्धांजलि है। बाबा साहब का जीवन हमें हर चुनौती को अपनी संकल्प शक्ति और परिश्रम के बूते पर पार करने की निरंतर प्रेरणा देता है। मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं।’’
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘साथियो! देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग त्योहारों का भी समय है। वैसे भी भारत को उत्सवों से भरा और हरा रहता है। उत्सवों के बीच खिलखिलाता रहता है। बैसाखी जैसे त्योहारों के साथ कई राज्यों में नए वर्ष की शुरुआत हुई है। लॉकडाउन के बंधनों के बीच देश के लोग जिस तरह नियमों का पालन कर रहे हैं, जितने संयम से अपने घरों में रहकर त्योहार बड़ी सादगी से मना रहे हैं, ये सारी बहुत प्रेरक और प्रशंसनीय हैं। मैं नए वर्ष पर आपके और आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘साथियो! आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, हम सब उससे भली-भांति परिचित हैं। अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए हैं, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी। जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही भारत ने कोरोना प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। कोरोना के मरीज 100 तक पहुंचे, उससे पहले ही भारत ने विदेश से आए हर यात्री के लिए 14 दिन का आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया था। मॉल, थिएटर, क्लब, जिम बंद किए जा चुके थे।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘साथियो! जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बहुत बड़ा कदम उठाया। भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया। ये ऐसा संकट है, जिसमें किसी भी देश के साथ तुलना करना उचित नहीं है। फिर भी हम कुछ सच्चाइयों को नकार नहीं सकते। ये भी सच्चाई है कि दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों में कोरोना के आंकड़े देखें तो उनकी तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में भारत के बराबर खड़े थे, आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के मामले 25 से 30 गुना बढ़ गए हैं। उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है। भारत ने पुलिसिंग अप्रोच न अपनाई होती, इंटिग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती, समय पर तेज फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोए खड़े हो जाते हैं। लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जा रास्ता चुना है, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह महंगा जरूर लगता है, बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है, लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती। सीमित संसाधनों के बीच भारत जिस मार्ग पर चला है, उस मार्ग की चर्चा आज दुनियाभर में होना बहुत स्वाभाविक है। देश की राज्य सरकारों, स्थानीय स्वराज संस्थाओं की इकाइयों ने भी इसमें बहुत जिम्मेदारी के साथ काम किया है।’’
पीएम ने कहा, ‘‘चौबीसों घंटे हर किसी ने जिम्मा संभालने का प्रयास किया है। लेकिन साथियों, इन सब प्रयासों के बीच कोरोना जिस तरह फैल रहा है, उसने विश्वभर में हेल्थ एक्सपर्ट्स और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है। भारत में भी कारोना को लेकर लड़ाई आगे कैसे बढ़े, हम विजयी कैसे हो, हमारे यहां नुकसान कम से कम कैसे हो, लोगों की दिक्कतें कम कैसे करें, इन बातों को लेकर निरंतर चर्चा की है। इन सभी चर्चाओं में से एक बात उभरकर आती है, हर किसी का यही सुझाव आता है, नागरिकों की तरफ से भी यह सुझाव आता है कि लॉकडाउन को बढ़ाया जाए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं। सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि लॉकडाउन को अब 3 मई तक बढ़ाना पड़ेगा। यानी 3 मई तक हम सभी को, देशवासियों को लॉकडाउन में ही रहना होगा। इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं। मेरी सभी देशवासियों से यह प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है। स्थानीय स्तर पर अगर एक भी मरीज बढ़ता है तो यह हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कहीं भी कोरोना से एक भी मरीज की दुखद मृत्यु होती है तो हमारी चिंता और बढ़नी चाहिए। इसलिए हमें हॉटस्पॉट्स को इंगित करते पहले से भी ज्यादा, बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी ही होगी। जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है, वहां कड़ी नजर रखनी होगी। नए हॉटस्पॉट का बनना हमारे परिश्रम को और चुनौती देगा। इसलिए अगले एक हफ्ते सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को बड़ी बारीकी से परखा जाएगा। वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, इसका मूल्यांकन लगातार किया जाएगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो क्षेत्र इस अग्नि परीक्षा में सफल होंगे, जो अपने यहां हॉटस्पॉट नहीं बढ़ने देंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति, छूट दी जा सकती है। लेकिन याद रखिए, ये अनुमति सशर्त होगी। बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे। लॉकडाउन के नियम अगर टूटते हैं और कोरोना का पैर हमारे इलाके में पड़ता है तो सारी अनुमति तुरंत वापस ले ली जाएगी।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘न खुद कोई लापरवाही करनी है, न किसी और को लापरवाही करने देना है। मेरे देशवासियो! कल इस बारे में सरकार की तरफ से विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। 20 अप्रैल से चिह्नित क्षेत्रों में इस सीमित छूट का प्रावधान हमारे गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से जरूरतें पूरी करते हैं, वही मेरा वृहद परिवार है। मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता में इन गरीबों की दिक्कतों को कम करना है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के जरिए हमने इसका हर संभव प्रयास किया है। नई गाइडलाइन में भी उनके हितों का ध्यान रखा गया है।’’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘‘इस समय रबी की फसल की कटाई का काम भी जारी है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो। साथियो! देश में दवा से लेकर राशन तक का पर्याप्त भंडार है। सप्लाई चेन की बाधाएं लगातार दूर की जा रही हैं। हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ रहा है। जहां सिर्फ एक लैब थी। वहीं अब 220 से ज्यादा लैब टेस्टिंग का काम कर रही हैं।"
प्रधानमंत्री ने कहा," अनुभव कहता है कि कोरोना के 10 हजार मरीज होने पर 1500 बेड की जरूरत होती है। भारत में आज हम 1 लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर चुके हैं। 600 से ज्यादा अस्पताल कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं। इन सुविधाओं को और तेजी से बढ़ाया जा रहा है।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत के पास भले ही सीमित संसाधन हों, लेकिन मेरा भारत के युवा वैज्ञानिकों से विशेष आग्रह है कि भारत के कल्याण के लिए आप लोग आएं। कोरोना की वैक्सीन बनाने का मेरे देश के वैज्ञानिक बेड़ा उठाएं। हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी बीमारी को परास्त करके रहेंगे।’’
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