मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का हुआ विस्तार,राज्यपाल लालजी टंडन ने पांच विधायकों को दिलाई शपथ,ज्योतिरादित्य के दो करीबी भी कैबिनेट में शामिल
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रीमंडल का मंगलवार को गठन किया गया। शिवराज चौहान के शपथ लेने के 29 दिन बाद उनके मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। राजधानी भोपाल स्थित राजभवन में हुए 13 मिनट के शपथ ग्रहण समारोह में 5 मंत्रियों ने शपथ ली।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रीमंडल का मंगलवार को गठन किया गया। शिवराज चौहान के शपथ लेने के 29 दिन बाद उनके मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। राजधानी भोपाल स्थित राजभवन में हुए 13 मिनट के शपथ ग्रहण समारोह में 5 मंत्रियों ने शपथ ली।
प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलवाई। कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री मंत्री बनाया गया है।
लॉकडाउन के दौरान शपथ लेने वाले पांचों नेता पहले भी शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं। कमलनाथ सरकार में सिलावट स्वास्थ्य मंत्री और गोविंद सिंह राजपूत राजस्व और परिवहन मंत्री थे। शिवराज सिंह की पिछली सरकार में नरोत्तम मिश्रा जनसंपर्क मंत्री और कमल पटेल चिकित्सा शिक्षा मंत्री थे। मीना सिंह महिला और बाल विकास राज्य मंत्री रह चुकी हैं।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायकों गोपाल भार्गव,भूपेंद्र सिंह,गौरीशंकर बिसेन,विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र शुक्ला और रामपाल सिंह को अभी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। कांग्रेस से बीजेपी में आए बिसाहूलाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को भी फिलहाल शिवराज कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया है। चर्चा थी सिंधिया के दबाव में मंत्रिमंडल 10 से 12 मंत्रियों का हो सकता है,लेकिन बीजेपी आलाकमान ने अभी नैनो कैबिनेट रखने को कहा था।
ज्ञात हो कि शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को राजभवन में सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कोरोना संकट को देखते हुए उन्होंने अकेले शपथ ली थी। बिना मंत्रिमंडल के ही शिवराज कोरोनावायरस संकट के दौरान काम रहे थे और इसे लेकर वे विपक्ष के निशाने पर भी थे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश देश का इकलौता राज्य है,हां कोरोना संकट के बावजूद कोई स्वास्थ्य मंत्री और गृहमंत्री नहीं है।
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