रांची के दरिंदा राहुल राज को सजा-ए-मौत,सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाई सजा,बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद जिंदा जलाकर की थी हत्या
झारखंड की राजधानी रांची में बीटेक की छात्रा से दुष्कर्म और फिर जिंदा जलाकर हत्या करने के दोषी राहुल राज उर्फ रॉकी राज को फांसी की सजा सुनाई गई है। सीबीआई की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई। सीबीआई के विशेष जज एके मिश्र की कोर्ट ने राहुल को इस मामले शुक्रवार को दोषी करार दिया था।
झारखंड की राजधानी रांची में बीटेक की छात्रा से दुष्कर्म और फिर जिंदा जलाकर हत्या करने के दोषी राहुल राज उर्फ रॉकी राज को फांसी की सजा सुनाई गई है। सीबीआइ की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई। सीबीआई के विशेष जज एके मिश्र की कोर्ट ने राहुल को इस मामले शुक्रवार को दोषी करार दिया था।
सीबीआई के विशेष जज ने इस मामले में सिर्फ 16 कार्य दिवस में 30 गवाहों के बयान दर्ज कर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी की। दोनों पक्षों की बहस महज दो दिन 13 और 18 दिसंबर को पूरी की। आरोपी की ओर से बचाव में कोई गवाह पेश नहीं किया गया। सीबीआई के वकील राकेश प्रसाद ने 25 अक्टूबर से 8 नवंबर के बीच 30 गवाहों का बयान दर्ज कराया था।
विशेष जज एके मिश्र ने अपने फैसले में कहा, ‘इंजीनियरिंग की छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआइ द्वारा दायर आरोप पत्र, दस्तावेज, गवाहों और दोनों पक्षों की ओर से पेश की गयी दलीलों के आधार पर राहुल कुमार उर्फ राहुल राज को दोषी करार दिया जाता है। उसे घर में घुस कर दुष्कर्म करने, हत्या करने और सबूत मिटाने के लिए आइपीसी की धारा 302, 376, 449 और 201 के तहत दोषी पाया गया।’
रांची की बूटी बस्ती में 15 दिसंबर 2016 की रात बीटेक छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। आरोपी ने छात्रा के चेहरे पर मोबिल ऑयल डालकर आग भी लगा दी थी। हत्या इतनी नृशंस तरीके से की गई थी कि पूरे इलाके में लगातार कई महीनों तक खौफ का माहौल रहा।
पुलिस और सीआईडी की जांच में हत्याकांड का खुलासा नहीं होने पर 28 मार्च 2018 को इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की। आरोपी राहुल को 22 जून 2019 को रांची के सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। रिमांड पर लेकर पूछताछ में घटना की परत खुलती चली गई।
सीबीआई जांच के दौरान पता चला कि घटना से दो दो-तीन महीना पहले दुर्गा मंदिर के कमरे में राहुल नाम का व्यक्ति रुका था,जो इस घटना के बाद से लापता है। सीबीआई की टीम मंदिर के एक युवक बंटी से मिली, जिसने राहुल के बारे में जानकारी दी। फिर टीम राहुल के गांव धूलगांव पहुंची।
आरोपी के माता-पिता के खून के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिया। आरोपी की मां के खून का डीएनए रिपोर्ट और मृतका के शरीर से उठाए गए स्वाब और नाखून के भीतरी अंश का डीएनए रिपोर्ट आपस में मिल गए। इसके बाद सीबीआई ने उसे लखनऊ के जेल से हिरासत में ले लिया।
सीबीआई की जांच में पता चला कि वह दुष्कर्म का आदतन अपराधी है। उस पर पटना में दुष्कर्म के कई मामले दर्ज हैं। लखनऊ में भी दुष्कर्म मामले में ही जेल में था। इसके बाद टीम प्रोडक्शन वारंट पर उसे रांची ले आई। तब से वह जेल में है।
गौरतलब है कि आरोपी राहुल नालंदा के घुरा गांव का रहने वाला है। सितंबर 2016 में राहुल नालंदा से भागकर बूटी बस्ती पहुंचा। उसने पीड़िता के घर के पास स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में एक कमरा रहने के लिए लिया। राहुल रात में ऑटो चलाता था। राहुल बूटी बस्ती में रहने के दौरान वहां रहने वाली लड़कियों पर नजर रखता था।
घटना वाले दिन राहुल ने बीटेक छात्रा को अकेला पाया। उसके घर में वह उस समय घुसा जब वह बाथरूम जा रही थी। बाथरूम का ताला खुला हुआ था और बाहर दीवार पर टांग कर रखा हुआ था। घटना को अंजाम देने से पहले राहुल ने रात 10 बजे ही अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया था, जो अगले दिन 10 बजे तक बंद था।
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