राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत पर सियासत,मायावती ने प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत पर साधा निशाना,पूछा क्या यूपी की तरह कोटा जाकर पीड़ित माताओं से मिलेंगीं प्रियंका?
राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों की मौत का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। यहां के जेके लोन अस्पलात में अब तक 100 से भी अधिक बच्चों ने दम तोड़ दिया है। हास्यास्पद तो यह है कि बच्चों की मौत के कारणों को जानने और उनकी जान बचाने की कोशश की जगह बीजेपी और बीएसपी जैसी राजनीतिक पार्टियां सियासत कर रही हैं।
राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों की मौत का मामला थमता नजर नहीं आ रहा है। यहां के जेके लोन अस्पलात में अब तक 100 से भी अधिक बच्चों ने दम तोड़ दिया है। हास्यास्पद तो यह है कि बच्चों की मौत के कारणों को जानने और उनकी जान बचाने की कोशश की जगह बीजेपी और बीएसपी जैसी राजनीतिक पार्टियां सियासत कर रही हैं।
भारतीय जनता पार्टी के बाद अब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती भी इस मामले को लेकर सियासत कर रही हैं। मायावती ने अस्पताल में सिर्फ एक महीने के अंदर 100 से अधिक बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला किया है।
बीएसपी अध्यक्ष ने गुरूवार की सुबह ट्वीट किया और कहा कि कांग्रेस शासित प्रदेश राजस्थान के कोटा जिले में 100 बच्चों की मौत की खबर बेहद दर्दनाक और निंदनीय है। ये वहां की अशोक गहलोत के खुद की और उनकी सरकार की उदासीनता, अवंसेदनशीलता और गैर-जिम्मेदाराना रवैया को जाहिर करता है।
मायावती ने ट्वीटर के माध्यम से कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहां के सीएम श्री गहलोत स्वयं और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं,जो अति-निन्दनीय।
मायावती ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का बिना नाम लिए उन पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पीड़ित परिवारों से मिलने की तरह ही उन्हें राजस्थान में जाकर उन बच्चों की माताओं से भी मिलना चाहिए, जिनकी गोद अब सुनी हो चुकी है।
प्रियंका गांधी को कठघरे में खड़ा करते हुए मायावती ने कहा, 'अगर कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती हैं, तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यूपी पीड़ितों के परिवार से मिलना उनका यह सिर्फ राजनैतिक स्वार्थ और नाटकबाजी ही मानी जाएगी, जिससे यूपी की जनता को सर्तक रहना है।'
गौरतलब है कि जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम 8 और शिशुओं की मौत हो गई है। इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी है।
ज्ञात हो कि पिछले 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत को लेकर काफी हंगामा हुआ था। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा था कि यहां 2018 में 1,005 शिशुओं की मौत हुई थी और 2019 में उससे कम मौतें हुई हैं।
दरअसल, कोटा के एक बड़े अस्पलात में इतनी बड़ी तादाद में बच्चों की मौत पर सियासत होना गंभीर चिंता का विषय है। राजस्थान के कोटा से जो रिपोर्ट आ रही है वह चौंकाने वाली तो है ही। लेकिन उससे ज्यादा हैरान करने वाली बात इतने गंभीर मामले पर सियासत करना है।
क्या मायावती को नहीं चाहिए कि वो क्षेत्रिय और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राजस्थान सरकार और कांग्रेस को कोसने की जगह खुद कोटा जाएं और पीड़ित परिजनों को साथ खड़ी हों। मायावती राजस्थान सरकार को इस गंभीर संकट से निकलने का हल सुझाएं,वो बताएं बच्चों की मौत हो कैसे रोका जा सके इस पर चर्चा करें।
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