मध्यप्रदेश में दबाव की राजनीति हुई तेज, मंत्रिमंडल विस्तार एक बार फिर टला, राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को बुलाया गया दिल्ली
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का 30 जून को होने वाला संभावित विस्तार एक बार फिर टल गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और मंत्रिमंडल में सभी वर्गो में संतुलन बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। दो दिन के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें कीं हैं।
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का 30 जून को होने वाला संभावित विस्तार एक बार फिर टल गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और मंत्रिमंडल में सभी वर्गो में संतुलन बैठाने की कोशिश कर रहे हैं। दो दिन के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकातें कीं हैं।
शिवराज चौहान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी दो बार मिले हैं। सोमवार शाम को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद शिवराज का मध्यप्रदेश लौटने का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास से निकलकर मुख्यमंत्री पहले तो तोमर से मिले, फिर सीधे मध्यप्रदेश भवन पहुंच गए। वहां मौजूद मीडिया से भी उन्होंने बातचीत नहीं की और अपने कक्ष में चले गए। देर शाम वे बीजेपी मुख्यालय पहुंचे, जहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के साथ संभावित नामों पर नए सिरे से विचार-विमर्श किया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल दौरा रद्द
इस बीच पार्टी ने मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को दिल्ली बुला लिया है। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश की सियासत में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। उधर, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया का भोपाल दौरा रद हो गया है। वे मंगलवार सुबह भोपाल आने वाले थे।
विस्तार के मुद्दों पर सहमति नहीं
बीजेपी सूत्रों ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर मिश्रा दिल्ली पहुंचे। उन्हें ग्वालियर में रहना था, लेकिन दिल्ली पहुंचने का निर्देश मिलते ही वे भी दिल्ली पहुंच गए। प्रारंभिक खबरों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व के बीच मंत्रिमंडल विस्तार के सभी मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है।
कुछ नाम को लेकर पेच
बीजेपी के किसी भी नेता ने अब तक कोई अधिकृत बात तो नहीं की, लेकिन माना जा रहा है कि मसला कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले कुछ नामों को लेकर है। शिवराज अपनी टीम में कुछ भरोसेमंद चेहरों को रखना चाहते हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व इससे सहमत नहीं है, इसलिए वे एक बार फिर सभी पक्षों पर खुलकर बात करना चाहते हैं। सोमवार सुबह पहले खबर आई थी कि केंद्रीय नेताओं के साथ शिवराज की बैठक में संभावित मंत्रियों के नाम फाइनल हो गए हैं और 30 जून को शपथ ग्रहण करा दी जाएगी। इसके बाद शाम होते-होते सियासी परिदृश्य एकदम बदल गया।
ज्योतिरादित्य सिंधिया से एक घंटे चर्चा
गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सोमवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने उनके निवास पहुंचे, जहां दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक गहन चर्चा हुई। सिंधिया से मुलाकात का मकसद मंत्री बनाए जाने वाले उनके समर्थकों के नामों को अंतिम रूप देना था। मुलाकात के दौरान सिंधिया ने मुख्यमंत्री को कोरोना संकट से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने के लिए अपनी ओर से 30 लाख रुपये का चेक भी सौंपा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत रविवार से ही दिल्ली में हैं। ये सभी नेता प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ बातचीत कर रहे हैं।
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