भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मंत्री को चिंतित होना चाहिए-राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “ हम निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने और नए आइडिया को अपनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि जब मैंने रक्षा मंत्री का पदभार संभाला था, तब कहा था कि यह यानी रक्षा मंत्रालय उस किले के समान है, जिसमें कोई प्रवेश नहीं करना चाहता।
भारत लंबे समय तक हथियारों का आयातक बनकर नहीं रहेगा। सरकार रक्षा क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में प्रयास कर रही है। इसके लिए उद्योगों को उदार बनाया गया है। यदि भारत आयातक ही बना रहा, तो सुपरपॉवर बनने में मुश्किलें आएंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कही।
रक्षा मंत्री ने कहा, “मैं निजी क्षेत्र को देश के रक्षा उद्योग में सक्रिय भागीदारी करने के लिए आमंत्रित करता हूं। हमारा लक्ष्य रक्षा उद्योग को 2025 तक 26 अरब डॉलर यानी करीब 1.8 लाख करोड़ बनाने का है। हम निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने और नए आइडिया को अपनाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि जब मैंने रक्षा मंत्री का पदभार संभाला था, तब कहा था कि यह यानी रक्षा मंत्रालय उस किले के समान है, जिसमें कोई प्रवेश नहीं करना चाहता।
रक्षा मंत्री ने कहा कि “यहां कारोबार संबंधी कई प्रस्ताव हैं, आयात और निर्यात को लेकर कई मुद्दे हैं। मंत्रियों को इनसे संबंधित फैसले लेने में सतर्क रहना चाहिए, नहीं तो आप पर उंगली उठ जाएगी। भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मंत्री को चिंतित होना चाहिए। राजनाथ सिंह इन सब चीजों से परेशान नहीं होता। इस देश की जनता और बड़े उद्योग संगठन जानते हैं कि कौन क्या है? आप आइए। हमारा दरवाजा खुला है। हमसे जो भी मदद होगी। रक्षा मंत्रालय करने को तैयार है।”
दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार का फोकस देश की सुरक्षा के साथ ही सेना की तीनों कमानों को मजबूत करने का है। ऐसे में पिछले कुछ वक्त में भारत की ओर से जापान, रुस, अमेरिका और फ्रांस से कई महत्वपूर्ण समझौते किए गए हैं।
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