राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने तय की नई डेडलाइन,अब 17 अक्टूबर तक पूरी करनी होंगी दलीलें
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले की दलीलें 18 की बजाय 17 अक्टूबर तक पूरी हो। सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर तक की तारीख तय की थी। मामले की सुनवाई पूरी करने और दलीलें को सुनने के लिए अब शनिवार को भी सुनवाई नहीं होगी। क्योंकि आम तौर पर उच्चतम न्यायालय में शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है।
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में नई डेडलाइन तय की है। न्यायालय ने कहा कि इस मामले की दलीलें 18 की बजाय 17 अक्टूबर तक पूरी हो। सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर तक की तारीख तय की थी। मामले की सुनवाई पूरी करने और दलीलें को सुनने के लिए अब शनिवार को भी सुनवाई नहीं होगी। क्योंकि आम तौर पर उच्चतम न्यायालय में शनिवार और रविवार को छुट्टी होती है।
गौरतलब है कि अयोध्या विवाद की शुक्रवार यानी 4 अक्टूबर को हो रही 37वें दिन की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने स्पष्ट किया कि शनिवार को अपेक्षित सुनवाई नहीं होगी। अब इस मामले की सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी, क्योंकि दशहरा के उपलक्ष्य में शीर्ष अदालत में पूरे हफ्ते अवकाश है।
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकार के वकील राजीव धवन ने कहा कि वे आज का पूरा दिन लेंगे। इसके बाद शनिवार को अगर शीर्ष अदालत बैठती है, तो वह करीब एक घंटे और समय लेंगे। उसके बाद बाकी साथी दलील देंगे। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत कल नहीं बैठेगी। अब इसके बाद 14 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
धवन ने कहा, “ठीक है कि हम 14 अक्टूबर को अपनी दलीलें पूरी कर लेंगे। हम उससे अधिक समय नहीं लेंगे।” धवन ने अपनी दलीलें शुरू की। संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर शामिल हैं।
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