जानिए, क्या है असत्य पर सत्य की जीत के पर्व विजयदशमी का शुभ मुहूर्त?
विजयदशमी का त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है जिन्होंनें लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया। वहीं इस दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था। इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दूर्गा की पूजा की जाती है।
भारत वर्ष में सनातन काल से मनाए जाने वाले त्यौहार किसी न किसी रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं। लेकिन असल में जिस त्यौहार को इस संदेश के लिए विशेष रूप से जाना जाता है वह है विजयदशमी। दीपावाली से ठीक बीस दिन पहले विजयदशमी यानी दशहारा मनाया जाता है।
शास्त्रों एवं हिन्दू पंचाग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयदशमी अथवा दशहरे के रुप में देशभर में मनाया जाता है। विजयदशमी हिंदूओं के प्रमुख त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार भगवान श्री राम की कहानी तो कहता ही है जिन्होंनें लंका में 9 दिनों तक लगातार चले युद्ध के पश्चात अंहकारी रावण को मार गिराया और माता सीता को उसकी कैद से मुक्त करवाया। वहीं इस दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था। इसलिये भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है और मां दूर्गा की पूजा भी की जाती है।
शास्त्रानुसार भगवान श्री राम ने भी माँ दूर्गा की पूजा कर शक्ति का आह्वान किया था, भगवान श्री राम की परीक्षा लेते हुए पूजा के लिए रखे गए कमल के फूलों में से एक फूल को गायब कर दिया। चूंकि श्री राम को राजीवनयन यानि कमल से नेत्रों वाला कहा जाता था है, इसलिए उन्होंनें अपना एक नेत्र माँ को अर्पण करने का निर्णय लियाष परंतु ज्यों ही वे अपना नेत्र निकालने लगे देवी प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुई और विजयी होने का वरदान दिया।
माना जाता है कि इसके पश्चात दशमी के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया। भगवान राम की रावण पर और माता दुर्गा की महिषासुर पर जीत के इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय के रुप में देशभर में मनाया जाता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे मनाने के अलग अंदाज भी विकसित हुए हैं। कुल्लू का दशहरा देश भर में काफी प्रसिद्ध है, तो पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा सहित कई राज्यों में दुर्गा पूजा को भी इस दिन बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।
विजयदशमी पर्व तिथि व मुहूर्त 2019
विजयदशमी 2019
तिथि- 8 अक्तूबर
विजय मुहूर्त - 14:04 से 14:50
अपराह्न पूजा समय - 13:17 से 15:36
दशमी तिथि आरंभ - 12:37 (7 अक्तूबर)
दशमी तिथि समाप्त - 14:50 (8 अक्तूबर)
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