केरल सरकार ने HC से कहा- केंद्र दे रहा वैक्सीन की कालाबाजारी को बढ़ावा, CoWIN पर भी सवाल उठाए
केरल सरकार ने बुधवार को COVID-19 टीकाकरण नीति पर केरल उच्च न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा। सरकार ने हाई कोर्ट से कहा, "केंद्र सरकार वैक्सीन की कालाबाजारी को प्रोत्साहित कर रही है। अलग-अलग दरें क्यों तय की जा रही हैं? उत्पादन लागत के आधार पर दरें तय की जानी चाहिए। " जस्टिस ए मोहम्मद मुस्ताक और कौसर एडप्पागथ की पीठ याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले में अगली सुनवाई अब मंगलवार को होगी।
राज्य सरकार ने आगे कहा, "निजी अस्पताल कालाबाजारी से वैक्सीन खरीद पा रहे हैं, लेकिन सरकार को नहीं मिल रही है। कंपनियों को महामारी के बीच खेलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। निजी अस्पतालों को ब्लैक मार्केटिंग की अनुमति कैसे दी जा सकती है?''
राज्य सरकार ने आरोप लगाया कि वैक्सीन अत्यधिक कीमत वसूल की जा रही है। केरल ने एक करोड़ टीकों का ऑर्डर दिया है। निजी अस्पताल ऑर्डर दे रहे हैं और अपने कर्मचारियों को टीके दे रहे हैं। उस नीति को बनाए नहीं रख रहे हैं जो कहती है कि वैक्सीन के लिए सभी को CoWIN ऐप के तहत पंजीकरण करना होगा।''
कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) राज कुमार से पूछा, "अगर राज्यों को भुगतान करना है तो उन्हें कुछ प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा सकती?" कोर्ट ने एएसजी को वैक्सीन के लिए राज्य के वैक्सीन ऑर्डर को प्राथमिकता देने के पहलू पर निर्देश प्राप्त करने के लिए भी कहा।
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