Lockdown-3.0 : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का महत्वपूर्ण बयान, कहा-कोरोना के सामुदायिक प्रसार को रोकने में भारत रहा है कामयाब
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि भारत अब तक कोविड-19 के सामुदायिक प्रसार को रोकने में कामयाब रहा है। साथ ही हर्षवर्धन ने उम्मीद जतायी कि कोरोना वायरस संकट के कारण लोगों की 'आदत में जो बदलाव आया है, वह इस महामारी की रोकथाम के बाद एक स्वस्थ समाज के लिए 'नया सामान्य आचरण' होगा।
भारत अब तक कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार को रोकने में कामयाब रहा है। इससे बचने और इसके प्रसार को रोकने लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने मंगलवार को ये बातें कही। उन्होंने कहा कि चेचक और पोलियो की तरह अन्य विषाणुजनित संक्रमण को देश से पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सका है। अन्य बीमारियां अब भी हैं। उन्होंने संकेत दिया कि कोरोना का संक्रमण भी लंबे समय तक रह सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अगर भारतीय अपनी दिनचर्या में हाथ धोने, सांस संबंधी और पर्यावरण स्वच्छता की आदत को बरकरार रखते हैं, तो कोरोना वायरस संकट के समाप्त होने के बाद,भविष्य में जब देश महामारी के इस काल को देखेगा,तो इन आदतों को वह बुरे वक्त में मिला वरदान मान सकता है।
लॉकडाउन के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की तरह ही स्वास्थ्य पर भी पूरा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा,'' सरकार को संतुलनकारी कार्य करना पड़ेगा।'' डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, '' एक बार जैसे ही वायरस की मार कम होगी और संकट खत्म होगा तो लोग, इस दौर में अपनाई गई अच्छी आदतों को, बुरे समय में मिले वरदान की तरह याद कर सकते हैं।''
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उपजे हालात को स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य उपकरणों के उत्पादन में इजाफा होने के अवसर के तौर पर भी देखा जा सकता है। कोरोना वायरस के मद्देनजर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों जैसे पीपीई किट और एन-95 मास्क के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है। साथ ही परीक्षण सुविधाओं में भी खासी वृद्धि हुई है।
शराब खरीदने के लिए उमड़ी भीड और सोशल डिस्टेंसिग के उल्लंघन पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, '' हमें हर फैसले पर निष्पक्षता से विचार करना होगा और उसके लागू होने से पहले ही इसके असर का अंदाजा लगाना होगा,जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी न हो।' उन्होंने देश में मरीजों के स्वस्थ होने की दर को लेकर भी संतुष्टि जाहिर की है।
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