देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, स्वर्ण भंडार के मूल्य में भी आई गिरावट
यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 15 जनवरी को समाप्त सप्ताह में 1.839 अरब डॉलर घटकर 584.242 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले आठ जनवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 75.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 586.082 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई को छू गया था।
541.507 अरब डॉलर रह गईं विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां
भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) के घटने की वजह से मुद्रा भंडार में गिरावट आई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती है। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में एफसीए 28.4 करोड़ डॉलर घटकर 541.507 अरब डॉलर रह गई। एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्रा सम्पत्ति भी शामिल होती हैं।
1.534 अरब डॉलर घटा स्वर्ण भंडार का मूल्य
आंकड़ों के अनुसार 15 जनवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.534 अरब डॉलर घटकर 36.06 अरब डॉलर रह गया। देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष आहरण अधिकार 40 लाख डॉलर घटकर 1.512 अरब डॉलर रह गया जबकि आईएमएफ के पास आरक्षित मुद्रा भंडार 1.7 करोड़ डॉलर घटकर 5.163 अरब डॉलर रहा।
क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का बुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है। इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।
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