पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को अब SPG नहीं, सिर्फ Z+ सुरक्षा!
पूर्व परधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय के बीच समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया है। मनमोहन सिंह की सुरक्षा में एसपीजी के करीब 200 जवान लगे हुए थे। अब सभी जवानों को वापस आने का आदेश जारी कर दिया गया है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा में कटोती की है। उनको दी गई स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सुरक्षा वापस ले ली है। गृह मंत्रालय ने अब उन्हें केंद्रीय सुरक्षा बल का सुरक्षा कवर देने का फैसला किया है। मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाने का फैसला रिव्यू में किया गया। यह सुरक्षा देश के बड़े नेताओं को दी गई है, इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी शामिल हैं। अब पूरे देश में इन्हीं चार लोगों के पास एसपीजी सुरक्षा कवर बच जाएगा।
डॉ. मनमोहन सिंह को अब Z+ सुरक्षा
पूर्व परधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर कैबिनेट सचिव और गृह मंत्रालय के बीच समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया है। मनमोहन सिंह की सुरक्षा में एसपीजी के करीब 200 जवान लगे हुए थे। अब सभी जवानों को वापस आने का आदेश जारी कर दिया गया है। फिलहाल मनमोहन सिंह को जेड प्लस की सुरक्षा मिलती रहेगी। यानि उनके साथ एनएसजी और सीआरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे। जेड प्लस सुरक्षा व्यवस्था में 55 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें करीब एक दर्जन एनएसजी कमांडो होते हैं।
अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा में भी कटौती
देेश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और वीपी सिंह का सुरक्षा कवर भी इसी तरह से हटाया गया था। खतरे की आशंका को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को सुरक्षा कवर दिया जाता है। मनमोहन सिंह की बेटियों ने खुद को सुरक्षा कवर से अलग कर लिया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दतक पुत्री ने भी सुरक्षा कवर से मना कर दिया था।
अन्य नेताओं की सुरक्षा में भी कटौती
गृह मंत्रालय ने पिछले महीने भी देश के कई बड़े नेताओं को मुहैया कराई जाने वाली सुरक्षा की समीक्षा की थी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, यूपी बीजेपी के नेता संगीत सोम और बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी की सुरक्षा घटा दी गई है। इसके अलावा केंद्र ने सुरेश राणा, एलजेपी सांसद चिराग पासवान, पूर्व सांसद पप्पू यादव की सुरक्षा में भी कटौती की।
1985 में हुई SPG एसपीजी की स्थापना
इंदिरा गांधी की उनके सुरक्षा गार्डों द्वारा हत्या करने के बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए साल 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी. साल 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद एसपीजी एक्ट में संशोधन किया गया और इसमें पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को अगले 10 साल तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया. साल 2003 में वाजपेयी सरकार में इस एक्ट में संशोधन किया गया और वह दस साल की सीमा को एक साल कर दिया गया. इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया कि खतरे को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार सुरक्षा की समय सीमा तय करेगी.
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