खुशखबरी : सितंबर में भारत आ रहा है पहला लड़ाकू विमान ‘राफेल’?
देशवासियों के लिए खुशी की बात यह है कि भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान सितंबर तक मिल जाएगा। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने खुद इस बात की पुष्टि की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैक्रों ने शान्तियी शहर में इस बावत साझा बयान दिया।
राफेल लड़ाकू विमान को लेकर पिछले लंबे समय से चर्चा का दौर चल रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सवाल जवाब का दौर भी चलता आ रहा है। 2019 के आम चुनाव में भी राफेल एक अहम मुद्दा रहा। विपक्ष ने सरकार पर रैफेल की सौदेबाजी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, फ्रांस को ज्यादा कीमत देने की बात कही, पर अब देशवासियों के लिए खुशी की बात यह है कि भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान सितंबर तक मिल जाएगा।
नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने दिया साझा बयान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने खुद इस बात की पुष्टि की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय फ्रांस के दौरे पर हैं। वे बियारिट्ज शहर में शुरू हो रही जी-7 समिट में हिस्सा लेंगे। इससे पहले भारतीय समय के अनुसार गुरुवार रात नरेंद्र मोदी और मैक्रों ने शान्तियी शहर में साझा बयान दिया। संयुक्त बयान में मैक्रों ने स्पष्ट कर दिया कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है। किसी भी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। आपको बताते चलें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कश्मीर पर मध्यस्थता की तीन बार पेशकश कर चुके हैं।
विशिष्ट संवर्द्धन से लैस होगा राफेल
बताया जा रहा है कि राफेल फ्रांसीसी वायुसेना के साथ काम की तुलना में कहीं अधिक उन्नत है और इसीलिए अगले साल मई तक भारतीय पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए विमान का इस्तेमाल जारी रहेगा। भारतीय विमानों को भारत के बहुत से विशिष्ट संवर्द्धन से लैस किया गया है, जो लगभग एक बिलियन यूरो की लागत से फिट किए गए हैं।
राफेल की 2016 में हुई थी डील
भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस सरकार और दसॉ (फ्रेंच एविएशन कंपनी) के बीच 36 राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर 58 हजार करोड़ रुपए का समझौता किया था। अब भारत को मिलने वाले पहले राफेल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ खुद फ्रांस स्थित मैन्युफेक्चरिंग प्लांट बोर्डो लेने जाएंगे।
भारतीय पायलटों को दी जा रही है ट्रेनिंग
भारत के कुछ लड़ाकू पायलट्स को राफेल की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। वायुसेना के 24 पायलटों को अलग-अलग बैच में अगले साल मई तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। वायुसेना राफेल की स्क्वाड्रन को हरियाणा के अंबाला और बंगाल के हाशीमारा एयरबेस पर तैनाती करेगा।
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