सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक,अर्थव्यवस्था,शीतकालीन सत्र और 30 नवंबर को रामलीला मैदान में होने वाली रैली की रणनीति पर हुई चर्चा
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक इस बैठक में आर्थिक मोर्चे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई। कांग्रेस पार्टी आर्थिक मंदी के मुद्दे पर 30 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली करने जा रही है, लिहाजा पार्टी नेताओं ने उस रैली को सफल बनाने पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था,शीतकालीन सत्र और अन्य मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रही है। पार्टी नेता इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार को जनता से जुड़े कौन से मुद्दे पर घेरा जा सकता है। इसी रणनीति के तहत शनिवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक इस बैठक में आर्थिक मोर्चे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई। कांग्रेस पार्टी आर्थिक मंदी के मुद्दे पर 30 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली करने जा रही है, लिहाजा पार्टी नेताओं ने उस रैली को सफल बनाने पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की।
दरअसल, देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है। इसके लिए पार्टी ने सरकार के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन का एलान किया है। राहुल गांधी लगातार नरेंद्र मोदी सरकार को निशाना बन रहे हैं। आर्थिक मुद्दों पर वह केंद्र सरकार से लगातार सवाल पूछ रहे हैं।
शुक्रवार को भी राहुल गांधी ने प्रति व्यक्ति द्वारा खर्च की औसत राशि में गिरावट से जुड़ी खबर को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘मोदीनॉमिक्स’ ने इस कदर नुकसान कर दिया है कि अब सरकार को अपनी ही रिपोर्ट छिपानी पड़ रही है।
राहुल गांधी ने राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के उस आंकड़े का हवाला दिया, जिसमें भारत में 2011-12 में एक व्यक्ति द्वारा खर्च की गई औसत राशि 1501 रुपये थी, जो 2017-18 में 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 1446 रुपये हो गई है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ की एक रिपोर्ट के मुताबिक गांवों में उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में 8.8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वित्त वर्ष 2017-18 में उपभोक्ता खर्च में 3.7 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। यह इसलिए बड़ी बात है,क्योंकि बीते चार दशक में पहली बार यह कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक उपभोगव्यय में कमी से संकेत मिलते हैं और इससे पता चलता है कि देश में गरीबी से प्रभावित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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