Corona Update : प्रवासी मजदूर और छात्र कृपया ध्यान दें! ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेन से जाना चाहते हैं घर,तो इन नियमों का करना होगा पालन
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और छात्रों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाकर बड़ी राहत दी है। अब उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर ट्रेन के माध्यम से अपने घरों को जा पा रहे हैं। अगर आप भी प्रवासी हैं और घर जाना चाहते हैं, तो आपको कुछ अहम जानकारियों का होना जरूरी है, जो हम यहां बता रहे हैं।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और छात्रों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाकर बड़ी राहत दी है। अब उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश और ओडिशा समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर ट्रेन के माध्यम से अपने घरों को जा पा रहे हैं। राज्यों के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने शुक्रवार से अलग-अलग राज्यों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी है। लेकिन मजदूरों को कुछ अहम जानकारियों का होना जरूरी है, जो हम यहां बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि प्रवासी मजदूरों की घर वापसी में दोनों राज्यों की सहमति जरूरी है। यानी जिस राज्य में प्रवासी रह रहा है और जहां उसका घर है। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में वैसे यात्री सफर कर पाएंगे, जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है। मतलब यह कि प्रवासियों के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले लोगों की एक लिस्ट तैयार की जाएगी और इसी के अनुसार इसमें लोग सफर करेंगे।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिए घर वापसी से पहले प्रवासी मजदूरों और छात्रों को अपने गृह राज्य् में इसके लिए आवेदन करना होगा। राज्य सरकार संबंधित राज्य में नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी और नोडल ऑफिसर जो सूची तैयार करेंगे, वही रेलवे को सौंपी जाएगी। रेलवे फिर उन सभी यात्रियों को सूचना देगा,ताकि समय पर स्टेशन पर लोग पहुंच सके। जिनका लिस्ट में नाम होगा, सिर्फ उन्हीं को सफर की इनुमति दी जाएगी।
स्पेशल ट्रेन में सफर करने से पहले प्रवासियों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी, जिसका इंतजाम स्टेशन पर ही होगा। यात्री कोरोना की स्क्रीनिंग में सही पाया जाएगा,तो उसे ट्रेन में बैठने दिया जाएगा। अगर जांच के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है,तो फिर यात्री को उसी वक्त अस्पताल भेज दिया जाएगा। यानी उसकी घर वापसी क्वारंटाइन अवधि पूरा किए बैगर नहीं होगी।
स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले प्रवासी यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं है। देशभर में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने का किराया रेलवे राज्य सरकारों से वसूलेगा। सफर करने के किराए में स्लीपर क्लास के टिकट मूल्य, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और 20 रुपये भोजन-पानी के शामिल होंगे।
भारतीय रेलवे ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों को अपने पास से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं है, उनके खर्च का वहन राज्य सरकारें करेंगी। यानी प्रवासियों की के लिए खाना-पानी का स्टेशन पर ही होगा। इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदारहोगी। अगर आप भी प्रवासी मजदूर हैं और घर वापसी की उम्मीद में हैं तो आपको मास्क अपने साथ हमेशा रखना होगा। बिना मुंह पर मास्क लगाए आप यात्रा नहीं कर सकेंगे। आपको ट्रेन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करना होगा।
भारतीय रेलवे ने जो पांच ट्रेनों के कार्यक्रम तय किए हैं। ये ट्रेन नासिक से लखनऊ, अलुवा से भुवनेश्वर, नासिक से भोपाल, जयपुर से पटना और कोटा से हटिया तक का सफर तय करेंगी। हर ट्रेन में एक हजार से 12 सौ के बीच लोग सवार होंगे। शुक्रवार को पहली ट्रेन तेलंगाना से झारखंड के हटिया रेलवे स्टेशन पहुंची है।
रेलवे ने साफ किया है कि स्टेशन पर किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं बेचा जाएगा। इसलिए टिकट खरीदकर यात्रा करने की मंशा से लोगों को स्टेशन पर नहीं जाना चाहिए। सिर्फ उन्हीं लोगों को यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी,जिन्हें राज्य सरकार के अधिकारी लेकर आएंगे। राज्य सरकारें ही तय करेंगी कि ट्रेन में किन-किन लोगों को सफर करना है।
अगर आप ट्रेन में बैठ जाते हैं और सफर शुरू हो जाता है तो बात यहीं खत्म नहीं हो जाती। जब आप अपने गंतव्य स्टेशन पहुंच जाएंगे,तो फिर वहां भी आपकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर किसी तरह के लक्षण नहीं मिलते हैं,तो यात्रियों को सीधा घर भेजा जाएगा,जहां उन्हें 14 दिन का क्वारंटाइन पूरा करना होगा। अगर किसी तरह की गड़बड़ी दिखी तो अस्पताल भेजा जाएगा।
Comments (0)