ब्रिटेन : आम चुनाव में बोरिस जॉनसन की पार्टी को मिला स्पष्ट बहुमत,भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने भी दर्ज की शानदार जीत
ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी ने आम चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को जहां जनादेश मिला है, वहीं विपक्षी लेबर पार्टी के लिए 1935 के बाद से यह सबसे खराब चुनावी परिणाम है। कंजर्वेटिव पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कुल 334 सीटों पर जीत दर्ज कर 74 सीटों का बहुमत हासिल किया है।
ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी ने आम चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को जहां जनादेश मिला है, वहीं विपक्षी लेबर पार्टी के लिए 1935 के बाद से यह सबसे खराब चुनावी परिणाम है। कंजर्वेटिव पार्टी ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कुल 334 सीटों पर जीत दर्ज कर 74 सीटों का बहुमत हासिल किया है। कंजर्वेटिव पार्टी को 45 सीटों का लाभ हुआ है, क्योंकि दक्षिणपंथी पार्टी ने लेबर उम्मीदवारों के पारंपरिक गढ़ में सेंध लगा दी है।
ज्ञात हो कि पूर्व की संसद के भारतीय मूल के सभी सांसदों ने अपनी सीटों पर सफलतापूर्वक कब्जा बरकरार रखा है। कंजर्वेटिव पार्टी के लिए गगन मोहिंद्रा और क्लेयर कोटिन्हो और लेबर पार्टी के नवेंद्रु मिश्रा पहली बार सांसद बने हैं। गोवा मूल की कोटिन्हो ने 35,624 मतों के साथ सुर्रे ईस्ट सीट पर जीत दर्ज की। महिंद्रा ने हर्टफोर्डशायर साउथ वेस्ट सीट पर जीत दर्ज की है।
आसान जीत के साथ हाउस ऑफ कॉमन्स में लौटने वाले भारतीय मूल के सांसदों में ब्रिटेन की पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल भी शामिल हैं। उनके जॉनसन के नए मंत्रिमंडल में भी जगह बनाने की संभावना है। पटेल ने एस्सेक्स में विदहाम सीट से जीत हासिल की है।
इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनाक और पूर्व अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री आलोक शर्मा ने भी जीत हासिल की है। शैलेश वारा नॉर्थ वेस्ट कैम्ब्रिजशायर से जीते और गोवा मूल की सुएला ब्रेवरमैन ने फेयरहाम से जीत दर्ज की है। ब्रेग्जिट समर्थक सांसद ब्रेवरमैन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र की टीम का आभार व्यक्त किया है।
विपक्षी लेबर पार्टी के लिए ये नतीजे बेहद निराशाजनक रहे लेकिन पिछली संसद के उसके भारतीय मूल के सभी सांसद जीत गए हैं। लेबर पार्टी के नवेंद्रु मिश्रा ने स्कॉटपोर्ट सीट जीत ली और वह पहली बार संसद जाएंगे। पिछले चुनाव में पहली ब्रिटिश सिख महिला सांसद बनकर इतिहास रचने वाली प्रीत कौर गिल ने बर्मिंघम एडबास्टन सीट पर दोबारा जीत हासिल की है।
पगड़ी पहनने वाले पहले सिख सांसद तनमनजीत सिंह धेसी हाउस ऑफ कॉमन्स में लौटेंगे। वरिष्ठ सांसद विरेंद्र शर्मा ने 25,678 वोटों से इलिंग साउथहॉल सीट से जीत दर्ज की है। अपनी सीट बरकरार रखने वाले अन्य भारतीय मूल के सांसदों में लीजा नंदी और सीमा मल्होत्रा भी शामिल हैं।
अक्सब्रिज और साउथराइस्लिप में आसानी से निर्वाचित होने के बाद नतीजों से खुश जॉनसन ने कहा, "यह ऐसा लगता है कि जैसे कंजर्वेटिव सरकार को ब्रेक्सिट लागू कराने के लिए एक शक्तिशाली नया जनादेश दिया गया है।" उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की जीत "ब्रिटिश लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का सम्मान करने, इस देश को बेहतर बनाने और इस देश के सभी लोगों की क्षमता को उजागर करने का मौका प्रदान करेगी।"
दूसरी ओर नतीजों से निराश लेबर नेता जेरेमी कॉर्बिन ने एलान किया कि वह भविष्य में आम चुनाव में पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे। कॉर्बिन ने अपनी इजलिंगटन नॉर्थ काउंटिंग सेंटर में समर्थकों से कहा कि स्पष्ट रूप से यह पार्टी के लिए बहुत निराशाजनक रात है।"
लेबर पार्टी महज 201 सीटों पर सिमट गई है। उसे 57 सीटों का नुकसान हुआ है। इसके पहले 1935 में पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन करते हुए सबसे कम सिर्फ 154 सीटें जीती थी। वहीं, 1983 में भी खराब प्रदर्शन करते हुए लेबर पार्टी ने 209 सीटें जीती थीं।
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