आखिर कौन हैं ये ‘ओडिशा के मोदी’
वास्तव में राष्ट्रपति भवन परिसर में 30 मई को 17वीं लोकसभा के तहत बनी नरेंद्र मोदी सरकार में बतौर मंत्री शामिल किए गए प्रताप चंद्र सारंगी को ओडिशा के मोदी के रूप में जाना जाता है। बीजेपी के टिकट पर बालासोर लोकसभा सीट से जीत दर्ज कर संसद पहुंचे 64 वर्षीय प्रताप चंद्र सारंगी लोगों के बीच 'ओडिशा का मोदी' के नाम से भी जानें और पहचाने जाते हैं।
क्या आप ओडिशा के मोदी को जानते हैं? क्या आप ओडिशा के मोदी को कभी देखे हैं? क्या आप ओडिशा के मोदी से कभी मिले हैं? चलिए आज हम आपको ओडिशा के नरेंद्र मोदी से आपको मिलवाते हैं। वास्तव में राष्ट्रपति भवन परिसर में 30 मई को 17वीं लोकसभा के तहत बनी नरेंद्र मोदी सरकार में बतौर मंत्री शामिल किए गए प्रताप चंद्र सारंगी को ओडिशा के मोदी के रूप में जाना जाता है। उन्हें एमएसएमई में राज्य मंत्री बनाया गया है। बीजेपी के टिकट पर बालासोर लोकसभा सीट से जीत दर्ज कर संसद पहुंचे 64 वर्षीय प्रताप चंद्र सारंगी लोगों के बीच 'ओडिशा का मोदी' के नाम से भी जानें और पहचाने जाते हैं। उनकी जिंदगी और उनकी जीवनशैली की तुलना लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से करते हैं। नरेंद्र मोदी जब ओडिशा पहुंचते हैं, तो प्रताप से जरूर मुलाकात करते हैं।
अपनी सादगी जीवनशैली के लिए मशहूर प्रताप ने बीजेडी के सांसद और अरबपति उम्मीदवार रबींद्र कुमार जेना को हराया है। सारंगी ने जिस अंदाज में चुनाव लड़ा, वह भी बिल्कुल अलग था। जहां दूसरे उम्मीदवार बड़ी-बड़ी गाड़ियों में बैठकर चुनावी कैंपेन कर रहे थे, वहीं सारंगी ऑटोरिक्शा रैली करते थे, साइकिल से कैंपेन करने निकल पड़ते थे। वह प्रोफेशनल मैनेजर्स से ज्यादा अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर निर्भर थे।
सारंगी कभी जानवरों की सेवा करते हुए नजर आते हैं, तो कभी किसी गुफा में साधना में लीन। उनकी इस सादगी के लोग मुरीद हो गए हैं। चुनाव जीतने के बाद भी उनकी जिंदगी में बहुत बदलाव नहीं आया है। जब उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 2004 और 2009 में विधानसभा चुनाव जीता था, तब भी वह उसी सादगी के साथ जीते रहे। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में बिल्कुल खर्च नहीं किया।
प्रताप चंद्र सारंगी बताते हैं कि बचपन से ही उनकी जीवनशैली ऐसी रही है। उनके सांसद बनने के बाद भी यह बदलने वाला नहीं है। वे लोगों और देश के लिए काम कर रहे हैं और आगे भी इसी तरह से करते रहेंगे।
प्रताप चंद्र सारंगी नीलगिरि विधानसभा सीट से 2 बार बीजेपी एमएलए रह चुके हैं। जमीन पर उनका मजबूत जनाधार है। सारंगी का जन्म नीलिगिरी से सटे गोपीनाथपुर गांव के एक गरीब परिवार में 4 जनवरी 1955 में हुआ। नरेंद्र मोदी की तरह सारंगी भी युवावस्था में संन्यास बनने की राह पर निकल पड़े थे। वह रामकृष्ण मठ भी गए लेकिन साधुओं ने उन्हें मां की सेवा करने की सलाह दी जिसके बाद वह घर लौट गए।
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