यूनिफॉर्म सिविल कोड को उत्तराखंड में लागू करेगी BJP: खुद चुनाव हारे, पर नतीजों के बाद CM धामी ने बता दिया रास्ता
उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर बीजेपी ने नया इतिहास रचा है। हालाँकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट हार गए हैं। इसके बावजूद राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर उन्होंने बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई है। विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने सत्ता में लौटने पर इसे लागू करने का वादा किया था।
उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर बीजेपी ने नया इतिहास रचा है। हालाँकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट हार गए हैं। इसके बावजूद राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर उन्होंने बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई है। विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने सत्ता में लौटने पर इसे लागू करने का वादा किया था।
नतीजों के बाद देहरादून में धामी ने जनता का आभार जताते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “सरकार बनाने के बाद हम एक उच्च स्तरीय समिति बनाएँगे। समिति एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हम इसे उत्तराखंड में लागू करेंगे, जैसा कि हमने राज्य के लोगों से वादा किया है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस कमेटी में न्यायविदों, सेवानिवृत्त लोगों और प्रबुद्धजन को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद किसी भी धर्म व जाति के लोगों के साथ अन्याय नहीं होगा। सभी को समान नागरिकता का अधिकार मिलेगा।
बता दें कि विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रुद्रपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से इसका वादा किया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में भाजपा के दोबारा सत्ता में आने के बाद सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। इससे सभी धर्मों के नागरिकों के लिए समान कानून लागू हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत हुई। भाजपा ने 47 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं कॉन्ग्रेस के खाते में महज 19 सीटें आई। बसपा को 2 सीटें मिली है। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी। हालाँकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा विधानसभा सीट से करारी हार का सामना करना पड़ा है। उनको कॉन्ग्रेस के भुवन कापड़ी ने 6,000 से ज्यादा वोटों से हराया।
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