संभल जाओ बाबुओं! वर्ना कटेगा वेतन और होगी कड़ी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह पर चल पड़े हैं। योगी आदित्यनाथ ने सूबे के अधिकारियों को हर हाल में सुबह 9 बजे तक दफ्तर पहुंचने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर अधिकारी नहीं सुधरते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनका वेतन भी काटा जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राह पर चल पड़े हैं। प्रधानमंत्री ने जहां अपने मंत्रियों और सभी विभाग के अधिकारियों को प्रातः 9 बजे तक दफ्तर आने का निर्देश दे रखा है, वहीं योगी आदित्यनाथ ने सूबे के अधिकारियों को हर हाल में सुबह 9 बजे तक दफ्तर पहुंचने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अगर अधिकारी नहीं सुधरते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनका वेतन भी काटा जाएगा। यह आदेश प्रदेश के सभी जिलों में सामान्य और पुलिस अधिकारियों पर लागू होगा।
दरअसल, मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही अधिकारियों को सुबह 9 बजे से लेकर 11 बजे तक दफ्तर में जनता दरबार लगाने को कहा था, लेकिन कई अधिकारी अभी भी सुबह 9 बजे दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं। इसकी शिकायत लगातार उन्हें मिल रही थी। इसके बाद अब उन्होंने कड़ा रूख अपनाते हुए सख्त हिदायत दी है। मुख्यमंत्री को यह फरमान इसलिए भी जारी करना पड़ा,क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि फरियादी या काम कराने वाले लोग दूर दराज से आते हैं। लेकिन अधिकारी सीट पर नहीं मिलते तो वो बहुत परेशान होते थे।
प्रदेश के कृषि मंत्री ने भी जारी की थी चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा उनके मंत्री भी अफसरशाही पर खासे सख्त हैं। हाल ही में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा था कि अगर उनके विभाग का कोई कर्मचारी अनुपस्थित पाया गया, तो उसका एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा। शाही ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद हमारा प्रयास कार्य संस्कृति को बदलने का है। हम स्वस्थ कार्य संस्कृति लाना चाहते हैं। शाही ने कहा था कि कुछ महीने पहले उन्होंने औचक निरीक्षण किया था। कुछ सुधार हुआ है लेकिन आज कुछ लोग अनुपस्थित पाए गए। ऐसे कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काट लिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि प्रभारी अधिकारियों से अनुपस्थित कर्मचारियों के बारे में जवाब तलब किया जाएगा।
मंत्रियों के लिए भी लागू किया था नया नियम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले अपने मंत्रियों के लिए एक नया नियम लागू किया था। इस नए फरमान के मुताबिक मंत्री अब मंत्रिमंडल की किसी भी बैठक में मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी ने ये कदम दुनियाभर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की हैकिंग और जासूसी के तमाम प्रकरणों को देखते हुए उठाया था। इसकी दूसरी वजह यह भी है कि मंत्रिमंडल की बैठकों में होने वाली चर्चा पूरी गंभीरता और बिना किसी व्यवधान के हो।
फोन बजने से ध्यान भटकता था
मुख्यमंत्री ने कहा था कि पहले मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्री फोन ले जाते थे, जिससे उनका ध्यान बार-बार भटकता था। मोबाइल फोन अचानक बजने से बैठक में काफी परेशानी आती थी। हालांकि कई मंत्री बैठक के होने से पहले अपना फोन साइलेंट मोड पर या फिर स्विच ऑफ कर देते थे, लेकिन कुछ मंत्री बैठक के कुछ सैकेंड पहले ही फोन रखते थे। लेकिन अब मुख्यमंत्री ने इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। ऐसे में बैठक शुरू होने से पहले ही मंत्रियों को मोबाइल फोन बाहर छोड़ना होगा।
कानून व्यवस्था पर अधिकारियों को लगाई थी फटकार
प्रदेश की जनता से मिल रहे फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरशाही पर काफी सख्त हैं और दागी अधिकारियों और कर्मचारियों की छंटनी के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में राज्य में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी और उन्होंने तमाम अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने निर्देश दिए थे कि संवेदनशील मामलों को सही ढंग से हैंडल किया जाए।
भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त किया था
योगी आदित्यनाथ लगातार एक्शन में हैं। हाल ही में उन्होंने भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए बर्खास्त कर दिया था। बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में दोषी पाए गए जेलर उदय प्रताप सिंह और मेरठ जेल में स्टिंग ऑपरेशन मामले में डिप्टी जेलर धीरेंद्र कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया था। जांच में दोनों अधिकारी ड्यूटी में लापरवाही के दोषी पाए गए और कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके थे। जांच में डिप्टी जेलर का आचरण भ्रष्टाचार से जुड़ा पाया गया था।
प्रधानमंत्री ने भी दिया था सख्त निर्देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों को कड़ा निर्देश दिया था। मंत्रियों को समय पर दफ्तर पहुंचने का सख्त निर्देश देते हुए उन्होंने कहा था कि घर से काम करने से बचें और लोगों के लिए उदाहरण पेश करें। उन्होंने अधिकारियों को भी यह हिदायत दी है। समय पर दफ्तर पहुंचने पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि सभी मंत्री वक्त पर दफ्तर पहुंचें और कुछ मिनट निकालकर अधिकारियों के साथ मंत्रालय के कामकाज की जानकारी लें।
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