स्कूल कबड्डी लीग- 2019 का आगाज़, खेल और खिलाड़ियों को मिलेगी एक नयी पहचान
बच्चों में खेल के प्रति लगाव और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए। आज जो बच्चे इस लीग का हिस्सा बने हैं कल वह भी देश के बड़े खिलाड़ी बनेंगे।
नई दिल्ली। देश में कबड्डी के प्रति लगातार बढ़ते रुझान के बाद भारतीय कबड्डी में नए प्रयोगों का दौर शुरू हो चूका है। स्कूल कबड्डी लीग फेडरेशन के अनुसार यदि भारत को इस खेल में अपनी बादशाहत बनाये रखनी है तो ग्रास रूट स्तर पर बढ़ावा देना होगा और स्कूली खिलाड़ियों की लीग आयोजित की जाने की जरुरत है, जिसका आगाज़ केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने कर दिया है।
"हमारे प्रचीन खेलों में सबसे अधिक लोकप्रिय खेल कबड्डी को देश के कोने-कोने में ले जाने के लिए यह स्कूल कबड्डी लीग -2019 एक मील का पत्थर साबित होगी"... ये उक्त बातें केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में स्कूल कबड्डी लीग के उदघाटन अवसर पर कही।
उन्होंने आगे कहा कि "खेल मंत्री किरण रिजिजू और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ग्रामीण क्षेत्रों से योग्य खेल प्रतिभाओं को निखारने का का काम कर रहे हैं इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूँ। मुझे याद है जब मैं स्कूल में पढ़ता था तब भी कबड्डी लोकप्रिय खेल था लेकिन समय के साथ प्रारूप बदला और आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे भारत देश के कब्बडी खिलाडी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। जैसे पढाई के लिए सतत अध्ययन जरुरी है ऐसे ही खेलों का स्तर बढ़ाने के लिए प्रैक्टिस बहुत जरुरी है।"
वहीँ केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि "बच्चों में खेल के प्रति लगाव और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए। मुझे आशा है आज जो बच्चे इस लीग का हिस्सा बने हैं कल वह भी देश के बड़े खिलाड़ी बनेंगे।"
इस मौके पर स्कूल कबड्डी फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के महासचिव एम.एल साहू ने बताया कि "इस लीग में स्कूल गेम्स फेडरेशन से जुड़े 44 राज्यों एवं स्वायत संगठनों से जुड़े 18 वर्षीय बालक एवं बालिका वर्ग के 65 किलोग्राम वर्ग में बालक एवं 60 किलोग्राम वर्ग में बालिका वर्ग के बच्चे हिस्सा लेंगे जिनकी जन्मतिथि आयु 1 जनवरी 2002 होगी। कुल 760 जिलों में मुकाबले खेले जायेंगे। 1520 सह जिला संयोजक एवं संयोजक यह प्रतियोगिता संपन्न कराएँगे। पहले यह लीग जिला स्तर पर होगी, इसके बाद राज्य स्तर पर होगी, राज्य की विजेता टीम को नेशनल लीग खेलने का मौका मिलेगा।"
वहीँ इस मौके पर संयुक्त रूप से प्रतिभागी पेफी के राष्ट्रीय सचिव डॉ.पीयूष जैन ने बताया कि "हमने अपने सभी शारीरिक अध्यापकों जो हमारे सदस्य हैं उनकी टीम बना दी है। हमारा उद्देश्य केवल इस लीग को अच्छे से आयोजित करना है इसके लिए हमारे पास क्वालिफाइड कोच और रेफरी सभी का डाटा है जिनको हम दायित्व प्रदान कर रहे हैं।"
बता दें कि इस तरह का मंच छोटी उम्र के खिलाड़ियों को प्लेटफार्म प्रदान करने के लिए किया गया है। इस लीग से देश में उभरते खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलेंगे।
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