शहादत का बदला : भारतीय सेना को मिली बड़ी कामयाबी,जम्मू-कश्मीर के मोस्ट वांटेड' रियाज नायकू को किया ढेर,पांच अन्य आतंकियों को भी मार गिराया गया
भारतीय सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने बुधवार को अवंतीपोरा में दो अलग-अलग जगहों पर हुई आतंकी मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नाइकू समेत 6 आतंकियों को ढेर कर दिया है। हिजबुल कमांडर रियाज नायकू दो साल से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। वह अपनी बीमार मां से मिलने पुलवामा के गांव बेगपोरा आया था।
भारतीय सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर में बड़ी कामयाबी मिली है। सुरक्षाबलों ने बुधवार को अवंतीपोरा में दो अलग-अलग जगहों पर हुई आतंकी मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नाइकू समेत 6 आतंकियों को ढेर कर दिया है। हिजबुल कमांडर रियाज नायकू दो साल से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। वह अपनी बीमार मां से मिलने पुलवामा के गांव बेगपोरा आया था।
रियाज नायकू समेत छह आतंकवादियों को मारकर सुरक्षाबलों ने पिछले तीन दिनों में मुठभेड़ में शहीद होने वाले कर्नल और मेजर सहित विभिन्न सुरभाबलों के 8 जवानों की शहादत का भी बदला ले लिया है। उधर घाटी में लगातार बढ़ रही आतंकी घटनाओं को देखते हुए, फिलहाल मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है । पूरी घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को भी कड़ा कर दिया गया है। सुरक्षाकर्मियों की तैनाती को भी बढ़ा दिया गया है।
पुलवामा जिले के बेगपुरा में रियाज के छिपे होने की सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी। घंटों चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली। रियाज अहमद नायकू घाटी का सबसे वांछित आतंकी था। मुठभेड़ में सबजार भट्ट की मौत के बाद से इसने कमान संभाली थी।
रियाज नायकू दिसंबर 2012 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ और महज पांच सालों में संगठन के प्रमुख बन गया। वह तकनीक में महारत रखता था। एक आतंकी के जनाजे में शामिल होने के बाद उसने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को समर्थन देने की बात कही थी।
रियाज नायकू सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर 2016 में पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी की मौत के बाद आना शुरू हुआ था। उसके सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम था। अवंतीपुरा के दुरबग के नायकू मोहल्ले का निवासी नायकू घाटी के वांछनीय आतंकियों की A++ श्रेणी में आता था।
रियाज नायकू ने घाटी में सब्जार भट की मौत के बाद हिजबुल मुजाहिद्दीन के मुखिया का पद संभाला था। नायकू को पूरी घाटी में हिजबुल का कमांडर माना जाता था। सुरक्षा एजेंसियों ने इससे पहले उसे कई बार घेरा था, लेकिन हर बार वह किसी तरह बचकर भाग निकलने में सफल हो जाता था।
रियाज नायकू ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा था कि वह कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी का स्वागत करेगा और दावा किया कि आंतकी पंडितों के दुश्मन नहीं हैं। नायकू के दो करीबी अल्ताफ काचरु और सद्दाम पेद्दार को सुरक्षाबल काफी पहले ही ढेर कर चुके हैं।
बताया जाता है कि रियाज नायकू ने गन सैल्यूट को पुनर्जीवित किया, जिसे आतंकी अपने कमांडर की मौत पर देते थे। मरे हुए आतंकियों के जनाजे के दौरान उसे हवा में गोली चलाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए देखा गया था। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि अपनी छवि के कारण उसने दक्षिण कश्मीर के बहुत से युवाओं को आतंकी गुट में शामिल करने में सफलता प्राप्त कर ली थी।
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