प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के लोगों को किया आश्वस्त, कहा-आपके अधिकारों,विशिष्ट पहचान और सुंदर संस्कृति को कोई नहीं छीन सकता!
प्रधानमंत्री ने कहा,’’मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन बिल के पारित होने के बाद उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं- कोई भी आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और सुंदर संस्कृति को नहीं छीन सकता है। यह फलता-फूलता और विकसित होता रहेगा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के लोगों को आश्वस्त किया है कि उनके अधिकारों का हनन नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा,’’मैं असम के अपने भाइयों और बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन बिल के पारित होने के बाद उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं- कोई भी आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और सुंदर संस्कृति को नहीं छीन सकता है। यह फलता-फूलता और विकसित होता रहेगा।" प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और मैं असमिया लोगों के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों को संवैधानिक रूप से संरक्षित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संसद से पारित होने को भारत और इसके करुणा तथा भाईचारे के मूल्यों के लिए ऐतिहासिक दिन करार दिया था। उन्होंने ट्वीट किया कि विधेयक वर्षों तक पीड़ा झेलने वाले अनेक लोगों के कष्टों को दूर करेगा। प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में विधेयक का समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ बुधवार को पूर्वोत्तर सुलग उठा। असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और उग्र प्रदर्शन किया। कई जगह से आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं। सड़कों पर उतरकर बड़ी संख्या में लोगों ने इस विधेयक का विरोध किया।
आपको बताते चलें कि सोमवार को लोकसभा में पारित होने के बाद बुधवार को राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो गया। इसके साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की विधायी प्रक्रिया को मूर्त रूप मिल गया। विधेयक के पक्ष में 125 और विरोध में 105 मत पड़े। बीजेपी के सहयोगी दलों जेडीयू और शिरोमणि अकाली दल के साथ ही एआईएडीएमके, बीजेडी, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन किया।
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