उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ,इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तीन महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरा करने का दिया आदेश, 60-65 फीसदी ही रहेगा कटऑफ
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को झटका लगा है। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती में कट ऑफ बढ़ाने के सरकार के फैसले को सही माना है। हालांकि, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के इस फैसले के बाद सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने योगी आदित्यानाथ सरकार को राहत देते हुए उसके कट ऑफ बढ़ाने के फैसले को सही बताया और तीन महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया।
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को झटका लगा है। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती में कट ऑफ बढ़ाने के सरकार के फैसले को सही माना है। हालांकि, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के इस फैसले के बाद सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने योगी आदित्यानाथ सरकार को राहत देते हुए उसके कट ऑफ बढ़ाने के फैसले को सही बताया और तीन महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले साल 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी। भर्ती परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी कट ऑफ तय किया था और यह मामला हाई कोर्ट में चला गया था।
हाईकोर्ट की एकल बेंच ने इससे पहले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 45 फीसदी और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 40 फीसदी कट ऑफ तय करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया था, जिसके खिलाफ सरकार डबल बेंच में गई थी। राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर अदालत ने इस साल 3 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले का प्रदेश के कुल 4 लाख अभ्यर्थियों को इंतजार है। पिछले साल की शुरू में हुई भर्ती परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने इसमें अर्हता अंक समान्य वर्ग के लिये 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी तय किए थे, जिसके खिलाफ अभयर्थियों ने एकल पीठ में कई याचिकाएं दायर की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हमारी सारी प्रक्रिया पूरी हो गई हैं, अब यह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बना हुआ। यह केस कोर्ट में लंबित है और मामला तारीख पर तारीख का है।
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