नीतीश सरकार की पहल, कोरोना के हालात से निपटने के लिए अस्पतालों के लिए अलग से बिजली का फीडर
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से निपटने के लिए बिहार सरकार ने सभी मोर्चे पर तैयारी शुरू कर दी है। विशेषकर अस्पतालों में सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार की ओर से हर कवायद शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में अब निर्णय लिया गया है कि बिहार के सरकारी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेज अस्तपालों को निर्बाध बिजली दी जाए। इसके लिए डेडिकेटेड फीडर बनाए जाएंगे। खेती के लिए अलग से बिजली देने के बाद सरकार अस्पतालों को अलग से बिजली देने की तैयारी कर ली है। यह काम इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। गौर है कि कोरोना काल में बिजली जाने पर अस्पतालों में अफरातफरी का माहौल हो जाता है।
दरअसल, कोरोना काल में बिजली गुल होने पर अस्पतालों में चिकित्सीय कार्य करने में काफी परेशानी हुई। थोड़ी देर के लिए बिजली गुल होने पर मरीजों के जानमाल के लिए आफत साबित हो जा रही है। आईसीयू, ऑक्सीजन या वेंटिलेटर सिस्टम पर रहने वाले मरीजों को बिना बिजली नहीं रखा जा सकता है। इसे देखते हुए बिजली कंपनी ने जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज से लेकर रेफरल व प्राइमरी हेल्थ सेंटर तक को अलग से बिजली देने के लिए 11 केवी का फीडर बनाने का निर्णय लिया गया है।
निजी अस्पतालों को खुद करनी होगी व्यवस्था
बिजली कंपनी अलग से फीडर की व्यवस्था राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (पीएचसी) से लेकर मेडिकल कॉलेज तक के सरकारी अस्पतालों के लिए करने जा रही है। इसके दायरे में निजी अस्पताल शामिल नहीं हैं। उनको बिजली की व्यवस्था खुद करनी होगी।
अस्पतालों के लिए डेडिकेटेड फीडर बनाने की योजना तैयार
अस्पतालों के लिए डेडिकेटेड फीडर बनाने की योजना तैयार कर ली गई है। इस मद में खर्च होने वाली राशि की भरपाई बिजली कंपनी को स्वास्थ्य विभाग करेगी। इस मद में दक्षिण बिहार में 32.95 करोड़ तो उत्तर बिहार में 39.29 करोड़ खर्च होंगे। स्वास्थ्य विभाग से यह राशि स्वीकृत होते ही बिजली कंपनी डेडिकेटेड फीडर बनाने का काम शुरू कर देगी। कंपनी अधिकारियों के अनुसार इस कार्य को प्राथमिकता में रखा गया है। कोशिश होगी कि इस साल में ही इसे पूरा कर लिया जाए। प्रयोग के तौर पर कुछ अस्पतालो को अलग से बिजली दी जाने भी लगी है।
अभी यह है व्यवस्था
मौजूदा व्यवस्था में अस्पतालों को उसी फीडर से बिजली आपूर्ति की जाती हो, जिससे गली-मोहल्ले में बिजली जा रही है। ऐसे में जरा सी आंधी-तूफान होने पर मोहल्लों की बिजली बंद करने की बाध्यता हो जाती है। सामान्य दिनों में भी गली मोहल्ले में बिजली आपूर्ति में खामियां होने के कारण अस्पतालों की भी बिजली बाधित हो जाती है। अस्पतालों के लिए अलग से फीडर बनने के बाद मोहल्लों से इसका कोई वास्ता नहीं रहेगा।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल से लेकर प्राइमरी हेल्थ सेंटर तक के अस्पतालों को निर्बाध बिजली देने की तैयारी है। इसके लिए अलग से फीडर बनाए जाएंगे। उम्मीद है कि दो-तीन महीने के भीतर इस कार्य को पूरा कर लिया जाए।
- संजीव हंस, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, बिजली कंपनी
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