जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का कांग्रेस को नसीहत,CAA और NRC पर खुलकर सामने आएं सोनिया, सड़कों पर उतर कर कांग्रेसी करें प्रदर्शन
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बंदाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के मुद्दे पर काफी हल्के-फुल्के अंदाज में विरोध प्रदर्शन करती नजर आ रही है। कांग्रेस को इस समय खुलकर सामने आना चाहिए। उन्हों ने सोनिया गांधी से एनआरसी के मुद्दे पर खुल कर सामने आने की सलाह दी है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शनिवार को भी देश के कई राज्यों में धरना-प्रदर्शन हुए। बिहार में आरजेडी ने भी बंद बुलाया,जिसे कांग्रेस का भी समर्थन मिला। लेकिन सीएए और एनआरसी पर कांग्रेस के रुख को देखते हुए जेडीयू उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को नसीहत दी है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीति बना रहे प्रशांत किशोर ने कहा है कि कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के मुद्दे पर काफी हल्के-फुल्के अंदाज में विरोध प्रदर्शन करती नजर आ रही है। कांग्रेस को इस समय खुलकर सामने आना चाहिए। उन्हों ने सोनिया गांधी से एनआरसी के मुद्दे पर खुल कर सामने आने की सलाह दी है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि सोनिया गांधी के सिर्फ एक वीडियो संदेश जारी करने से बात नहीं बनेगी। कांग्रेस के बड़े नेताओं को भी सड़कों और गलियों में उतरना पड़ेगा। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुख्यिमंत्रियों का सिर्फ यह कह देना कि एनआरसी को वह अपने राज्यों में लागू नहीं करेंगे, काफी नहीं है। ऐसे में सभी को एक साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन करना चाहिए,जिससे कि ज्यादा से ज्यादा दबाव बनाया जा सके।
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के नेताओं को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फॉर्मूले पर चलने की सलाह दी। नीतीश कुमार ने कहा है कि वे एनआरसी को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे। प्रशांत किशोर का आरोप है कि कांग्रेस बस दिखावा कर रही है। सोनिया ने कहा था कि कांग्रेस के कार्यकर्ता देशभर में सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि कांग्रेस के नेता गायब हैं। वे सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए ही कुछ जगहों पर नजर आते हैं।
आपको बताते चलें कि जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होते हुए भी प्रशांत किशोर अपनी पार्टी के खिलाफ चले गए थे। मामला नागरिकता संशोधन बिल का था। वे चाहते थे कि जेडीयू संसद में इसके खिलाफ वोट करे, लेकिन नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी का साथ देने का फैसला किया।
संसद में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने वाली बीजेडी ने भी अब पाला बदल लिया है। ओडिशा के मुख्यिमंत्री नवीन पटनायक ने एनआरसी के विरोध की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र बघेल भी इसके खिलाफ हैं, उन्होंने कहा कि अगर एनआसी लागू होता है, तो इस पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले वह पहले शख्सो होंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी इस मुद्दे पर गोल-मोल रवैया रहा है। बंगाल में ममता बनर्जी लगातार रैलियां कर सीएए और एनआरसी का विरोध कर रही हैं। प्रशांत किशोर चाहते हैं इसी मुद्दे के बहाने कम से कम विपक्ष एकजुट हो सके।
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