राम मंदिर के लिए हिंदू भाइयों को सौंप देनी चाहिए जमीन-जमीर उद्दीन शाह
जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि अगर मुस्लिमों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता भी है,तो भी देश में शांति कामय करने के लिए मुसलमानों को हिंदू भाइयों को जमीन सौंपनी चाहिए। इसका एक समाधान होना चाहिए नहीं तो हम लड़ते रह जाएंगे। मैं अदालत के बाहर निपटारे का पुरजोर समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट फैसला देना चाहिए। इसमें पंचायती नहीं होना चाहिए।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) जमीर उद्दीन शाह का अयोध्या विवाद पर बड़ा बयान आया है। जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि मुस्लिमों को अयोध्या में विवादित जमीन राम मंदिर के लिए हिन्दू भाइयों को सौंप देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए अयोध्या में विवादित भूमि को 'सद्भावना संकेत' के रूप में राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए।
जमीर उद्दीन शाह ने कहा कि अगर मुस्लिमों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आता भी है,तो भी देश में शांति कामय करने के लिए मुसलमानों को हिंदू भाइयों को जमीन सौंपनी चाहिए। इसका एक समाधान होना चाहिए नहीं तो हम लड़ते रह जाएंगे। मैं अदालत के बाहर निपटारे का पुरजोर समर्थन करता हूं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को स्पष्ट फैसला देना चाहिए। इसमें पंचायती नहीं होना चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट मुस्लिमों के पक्ष में फैसला दे भी देता है, तो क्या मस्जिद बनाना संभव होगा? मैं मानता हूं कि यह कतई मुमकीन नहीं होगा।
शाह लखनऊ में एक सत्र में शामिल हुए थे, इंडियन मुस्लिम फॉर पीस’ नाम के एक संगठन ने गोमतीनगर स्थित एक होटल में बैठक की थी। इसमें प्रस्ताव पारित किया गया कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को देखते हुए विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी जाए। बैठक में कुल चार प्रस्ताव पारित हुए, जिन्हें बाबरी मस्जिद के पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के जरिए सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता कमेटी को भेजा जाएगा। यह बैठक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ले.जनरल जमीरुद्दीन शाह की अध्यक्षता में हुई।
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