दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बेकाबू हिंसा पर जताई चिंता,गृह मंत्रालय से की सेना तैनाती की मांग,NSA अजित डोभाल ने दिया सुरक्षा का आश्वासन
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बिगड़े हालात को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिंता जताई है। अरविंद केजरीवाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना की तैनाती की मांग की है। केजरीवाल ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा पर ट्वीट कर गृह मंत्रालय से तुरंत सेना की तौनाती की मांग की है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जल रही है। दिल्ली के शाहीन बाग समेत दर्जन भर इलाकों में लोग सड़कों पर हैं। सीएए विरोधियों और समर्थकों के बीच जमकर झड़पें हो रही हैं। कहीं पत्थरबाजी हो रही है,तो कही गोलियां चल रही हैं। यमुनापार इलाके में तो अब तक एक पुलिसकर्मी समेत 20 लोगों की मौत तक हो चुकी है। बावजूद इसके दिल्ली पुलिस मामले को शांत कराने में नाकाम साबित हो रही है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर बिगड़े हालात को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिंता जताई है। अरविंद केजरीवाल ने हिंसाग्रस्त इलाकों में सेना की तैनाती की मांग की है। केजरीवाल ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा पर ट्वीट कर गृह मंत्रालय से तुरंत सेना की तौनाती की मांग की है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैं पूरी रात लोगों के संपर्क में रहा हूं। स्थिति काफी चिंताजनक है। पुलिस अपने सभी प्रयासों के बावजूद हालात को नियंत्रित करने और लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने में असमर्थ रही है। सेना को तुरंत बुलाया जाए और बाकी प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाया जाए। इसके लिए मैं गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिख रहा हूं।'
अरविंद केजरीवाल से पहले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी ऐसी ही मांग की थी। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस हिंसा को काबू करने में नाकाम रही है और भीड़ के साथ ही मिल गई है। ऐसे में तुरंत प्रभावित इलाकों में सेना की तैनाती की जानी चाहिए।
वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा, 'मैं आश्वासन देता हूं कि कानून का पालन करने वाले किसी भी नागरिक को कोई भी किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचा पाएगा। पर्याप्त बल तैनात है, किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है। लोगों को वर्दीधारियों पर भरोसा करना होगा।’
बताया जा रहा है कि अजित डोभाल को ही दिल्ली में हो रही हिंसा की घटनाओं को काबू करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। वह प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल को हालात के बारे में ब्रीफ करेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार रात को जाफराबाद, सीलमपुर और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के अन्य इलाकों का दौरा किया, जहां उन्होंने विभिन्न संप्रदायों के नेताओं से बातचीत भी की है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने ने स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था को भंग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के साथ-साथ अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को पूरी छूट दे दी गई है।
ज्ञात हो कि दिल्ली के हालात पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार को बैठक एक बुलाई थी,जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अलावा राज्य के नेता और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। अमित शाह के साथ बैठक करने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि गृह मंत्री ने उन्हें दिल्ली में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ाने की बात कही है।
आपको बताते चलें कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में मंगलवार को नए सिरे से हिंसा भड़क गई,जिसमें मृतकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। पुलिस भीड़ पर काबू पाने की जद्दोजेहद में लगी रही जो गलियों में घूम रही थी। भीड़ में शामिल लोग दुकानों को आग लगा रहे थे,पथराव कर रहे थे और वे स्थानीय लोगों के साथ मारपीट कर रहे थे।
राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरपूर्वी इलाके में तनाव के दूसरे दिन हिंसा चांदबाग और भजनपुरा सहित कई क्षेत्रों में फैल गई। इस दौरान पथराव किया गया,दुकानों को आग लगाई गई। दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकल वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ भड़काऊ नारे लगा रही थी और मौजपुर और अन्य स्थानों पर अपने रास्ते में आने वाले फल की गाड़ियों,रिक्शा और अन्य चीजों को आग लगा दी।
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