Corona Effect : क्या किसानों के खातों में अब सलाना 6000 की जगह आएंगे 24 हजार रुपये? किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह ने सरकार के सामने रखी है 20 सूत्री मांग
क्या देश के किसानों ने दिन बहुरने वाले हैं? क्या किसानों की परेशानियां दूर होने वाली है? क्या किसानों के खातों में अब सलाना 6000 की जगह 24000 रुपये आने वाले है? इन सभी सवालों का जवाब हां में हो सकता है,बशर्ते कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह की मांगों को मान ले।
क्या देश के किसानों ने दिन बहुरने वाले हैं? क्या किसानों की परेशानियां दूर होने वाली है? क्या किसानों की समस्याओं का समाधान होने वाला है? क्या किसानों के बैंक खातों में आने वाली राशियां चौगुनी होने वाली है? क्या किसानों के खातों में अब सलाना 6000 की जगह 24000 रुपये आने वाले है? इन सभी सवालों का जवाब हां में हो सकता है,बशर्ते कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह की मांगों को मान ले।
दरअसल,पुष्पेन्द्र सिंह ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कोरोना और लॉकडाउन के संकट से उबारने के लिए सरकार से 20 सूत्रीय मांग की है। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा और भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण भारत को मजबूत करना बहुत जरूरी है। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि योजना की रकम को 6000 रुपये से बढ़ाकर 24,000 रुपये प्रति वर्ष करने की मांग की है।
पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा है कि किसानों के सभी कर्ज़ों और किश्तों की अदायगी को एक साल के लिए निलंबित किया जाए। कच्चा तेल काफी सस्ता हो गया है,लाहाजा, कृषि प्रयोग वाले डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी मिले। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट दोगुनी करके ब्याज दर सिर्फ 1 फीसदी रखी जाए। अभी इसकी लिमिट 3 लाख रुपये और समय पर पैसा चुकाने पर 4 फीसदी ब्याज देना पड़ता है। देश में करीब सात करोड़ किसानों के पास केसीसी है।
कृषि के जानकार पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि कच्चा तेल सस्ता होने से रासायनिक उर्वरकों के दाम भी गिर जाते हैं। इसलिए पोटाश और डीएपी खाद पर 25 फीसदी की छूट दी जाए। लॉकडाउन से किसानों की आमदनी गिर गई है। इसलिए सरकार रबी की सारी फसलों की पूरी खरीद सुनिश्चित कर 250 से 500 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस दे। सरकार सभी जनधन खातों में अगले तीन माह तक 1000 रुपये प्रति माह भेजे। मनरेगा मजदूरों को कृषि कार्य में लगाया जाए।
उन्होंने कहा कि आधार कार्ड को राशनकार्ड का दर्जा देकर कहीं से भी राशन का कोटा लेने की अनुमति दी जाए। कृषि कार्यों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के रेट आधे किए जाएं। फरवरी के मूल्यों पर ही किसान का सारा उपलब्ध दूध खरीदा जाए। इस दूध और दुग्ध उत्पादों को गरीबों, मरीज़ों, बच्चों और क्वारंटाइन केंद्रों में बांटा जाए।
एक खबरिया चैनल से बातचीत में पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि गन्ना किसानों का सारा गन्ना खरीदकर तुरंत सारा बकाया भुगतान किया जाए। फल और सब्ज़ी की खेती करने वाले किसानों को मज़दूर और बाज़ार उपलब्ध करवाया जाए। मुर्गीपालन, मत्स्यपालन और अन्य पशुपालन कर रहे किसानों की सप्लाई चेन और बिक्री की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलवाई जाए।
पुष्पेन्द्र सिंह की केंद्र सरकार से अपील में किसानों-व्यापारियों को कहीं भी फसलों को खरीदने-बेचने की अनुमति देने,कृषि यंत्रों, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, कीटनाशक, खाद आदि पर लगने वाली जीएसटी समाप्त करने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का बजट 19,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये करने जैसी मांगें भी शामिल हैं। उन्होंने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को छह माह तक मुफ्त सिलेंडर, विधवाओं, बुज़ुर्गों और दिव्यांगों के खाते में 1,000 रुपये अगले तीन महीने तक डालने की भी मांग की है।
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