कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी ने नागरिकता संशोधन विधेयक का किया विरोध,कहा-यह विधेयक भारतीय संविधान पर है हमला

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि नागरिकता संशोदन विधेयक भारतीय संविधान पर हमला है। अगर कोई इसका समर्थन कर रहा है, तो वह हमारे देश की बुनियाद को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने भी अपने ट्वीट में कहा कि बीती रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पारित होने के साथ भारत कट्टरता और संकीर्ण सोच वाले अलगाव से भारत के वादे की पुष्टि हुई है।

कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी ने नागरिकता संशोधन विधेयक का किया विरोध,कहा-यह विधेयक भारतीय संविधान पर है हमला
Pic of Congress Leader Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi
कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी ने नागरिकता संशोधन विधेयक का किया विरोध,कहा-यह विधेयक भारतीय संविधान पर है हमला

देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि यह विधेयक भारतीय संविधान पर हमला है। ट्वीटर के माध्यम से राहुल गांधी ने कहा कि अगर कोई इसका समर्थन कर रहा है, तो वह हमारे देश की बुनियाद को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है।

राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर विरोध जताया है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि बीती रात लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पारित होने के साथ भारत कट्टरता और संकीर्ण सोच वाले अलगाव से भारत के वादे की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान, हमारी नागरिकता एक मजबूत और एकजुट भारत के हमारे सपने से हम सभी से जुड़े हुए हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार के उस एजेंडे के खिलाफ लड़ेंगे जो हमारे संविधान को सिस्टमैटिकली तरीके से खत्म कर रहा है।

आपको बताते चलें कि सोमवार को लंबी बहस के बाद यह विधेयक लोकसभा में पास हो गया है। अब इसे बुधवार को राज्यसभा में रखने की तैयारी है। इस विधेयक के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा, बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का चुनावी वादा था।

बीजेपी नीत एनडीए सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गई थी।