जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर में ब्लास्ट, सात गंभीर रूप से घायल
जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर में तेज विस्फोट हुआ है. विस्फोट में सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. यह जानकारी एसएसपी ऊधमपुर ने दी.
जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर में ब्लास्ट, सात गंभीर रूप से घायल:
जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर में तेज विस्फोट हुआ है. विस्फोट में सात लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. यह जानकारी एसएसपी ऊधमपुर ने दी.
सुरक्षाबलों के कश्मीर में लगातार कसते शिकंजे से बौखलाए आतंकी जम्मू संभाग में काफी समय से हमले की साजिश रच रहे थे। इससे पूर्व जम्मू में कई आतंकी साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम बना दिया था। ऐसे में ऊधमपुर को आसानी से निशाना बनाने में सफल रहे।
एक बार फिर आतंकियों ने भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र को चुना। तीन दिन पूर्व श्रीनगर के बाजार में ग्रेनेड हमला किया गया था। इसमें छात्रा समेत दो लोगों की मौत हो गई थी।
पहले भी होते रहे हैं ऊधमपुर में हमले:
2 मई 2011 को ऊधमपुर में सैन्य अधिकारी को निशाना बनाने के लिए पुल पर ब्लास्ट किया गया था। इसमें मेजर जनरल डीएस पठानिया बाल-बाल बच गए थे। उस हमले में भी एक नागरिक की मौत हुई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। इस हमले में लश्कर का हाथ सामने आया था।
5 अगस्त 2015 को उधमपुर में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों ने बीएसएफ के काफिले पर हमला किया था। हमले में एक आतंकवादी मोहम्मद नावेद जिंदा पकड़ा गया जबकि दूसरा मारा गया। ये दोनों पाकिस्तानी नागरिक थे। ग्रामीणों की मदद से इस आतंकी को पकड़ा गया। हमले का मास्टरमाइंड लश्कर कमांडर बाद में कश्मीर में मुठभेड़ में मारा गया था।
जानकारी के अनुसार, ऊधमपुर में सबसे पहले करीब 27 वर्ष पहले दब्बड़ चौक में पहला ब्लास्ट हुआ था। 23 दिसंबर 2015 को ऊधमपुर जिला के बिरमा पुल के नजदीक स्थित धनोर गांव में ब्लास्ट हुआ था। इसमें 7 से 15 आयु वर्ष के तीन भाई मारे गए थे। ये तीनों भाई कचरा उठाने का काम करते थे। एक पुराने शेल को कचरा समझकर उठाने के चक्कर में ये तीनों भाई गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाद में इन तीनों की मौत हो गई थी। इनकी पहचान 15 वर्षीय विकास, 10 वर्षीय दीपू और सात वर्षीय मीशू के रूप में हुई थी। ये तीनों रामबन के रहने वाले भोला राम के सुपुत्र थे।
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