सर्वोच्च अदालत बड़ा आदेश, कहा-केंद्र और राज्य सरकारें 15 दिन में प्रवासी मजदूरों को भेजें उनके घर,दर्ज मुकदमे लें वापस, पहचान के लिए करें सूची तैयार और रोजगार के लिए बनाएं योजनाएं
देश की सर्वोच्च अदालत ने लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़ा और सख्त आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिन के अंदर उनके घर भेजा जाए। अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों के खिलाफ लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज किए गए सभी केस वापस लें।
देश की सर्वोच्च अदालत ने लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़ा और सख्त आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिन के अंदर उनके घर भेजा जाए। अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों के खिलाफ लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर दर्ज किए गए सभी केस वापस लें।
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों की पहचान के लिए एक सूची तैयार करें। उनके कौशल (स्किल) की पहचान के लिए मैपिंग करें। वे कुशल हैं या अकुशल, इस आधार पर उनके रोजगार की योजनाएं बनाएं।
अदालत ने पिछले आदेश में कहा था कि प्रवासी मजदूरों से किराया न लिया जाए। प्रवासी मजदूरों के पलायन पर अदालत ने 28 मई को यह अंतरिम आदेश दिया था। आदेश में अदालत की ओर से कहा गया कि ट्रेनों और बसों से सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों से किसी तरह का किराया न लिया जाए। यह खर्च राज्य सरकारें ही उठाएं।
शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि घर से दूर विभिन्न राज्यों में फंसे हुए मजदूरों को खाना मुहैया कराने की व्यवस्था भी राज्य सरकारें ही करेंगी। अपने आदेश में अदालत ने कहा कि ट्रेन और बस से सफर कर रहे प्रवासी मजदूरों से कोई किराया ना लिया जाए। यह खर्च राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारें उठाएं। स्टेशनों पर खाना और पानी राज्य सरकारें मुहैया करवाएं और ट्रेनों के भीतर मजदूरों के लिए यह व्यवस्था रेलवे करे। बसों में भी उन्हें खाना और पानी दिया जाए।
अदालत ने कहा कि देशभर में फंसे मजदूर जो अपने घर जाने के लिए बसों और ट्रेनों के इंतजार में हैं, उनके लिए भी खाना राज्य सरकारें ही मुहैया करवाएं। मजदूरों को खाना कहां मिलेगा और रजिस्ट्रेशन कहां होगा। इसकी जानकारी प्रसारित की जाए। राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को देखें और यह भी निश्चित करें कि उन्हें घर के सफर के लिए जल्द से जल्द ट्रेन या बस मिले। सारी जानकारियां इस मामले से संबंधित लोगों को दी जाएं।
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