बिहार : डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय की मतगणना से पहले की लोगों से विनम्र अपील
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने मतगणना की पूर्व संध्या पर लोगों से सोशल मीडिया के जरिये विनम्र अपील की। उन्होंने सभी वर्ग,सम्प्रदाय एवं धर्म के लोगों से शान्ति की अपील करते हुए लिखा है कि चुनाव का रिजल्ट चाहे जो हो आप लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपना पूर्ण विश्वास रखते हुए शान्ति बनाए रखने में सहयोग करें।
बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने मतगणना की पूर्व संध्या पर लोगों से सोशल मीडिया के जरिये विनम्र अपील की। उन्होंने सभी वर्ग,सम्प्रदाय एवं धर्म के लोगों से शान्ति की अपील करते हुए लिखा है कि चुनाव का रिजल्ट चाहे जो हो आप लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपना पूर्ण विश्वास रखते हुए शान्ति बनाए रखने में सहयोग करें। उनके द्वारा सोशल मीडिया में कुछ इस तरह की अपील लोगों से की है।
बिहार वीरों ,बलिदानियों, शहीदों की धरती है और ये बुद्ध ,महावीर जैसे संतों की भी धरती है। हमें बिहार के गौरव को हर हाल में बनाए रखना है। इस वर्ष आम जनता और विशेषकर नौजवानों के सहयोग से जिस तरह के सद्भावना पूर्ण माहौल में होली,रामनवमी,शब्बे बारात आदि त्योहार निकले और जिस तरह शांति से चुनाव का महापर्व सम्पन्न हुआ, उससे बिहार का मान-सम्मान और गौरव बढ़ा है। हम सबको गौरवान्वित होना चाहिए कि हम सब बिहारी हैं। मैं सभी बिहारवासियों, विशेष रूप से नौजवानों को इसके लिए बधाई देता हूं और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।
उन्होंने आगे लिखा है कि मैं आप सभी बिहारवासियों से निवेदन कर रहा हूं कि गुरुवार की सुबह से मतगणना होगी। चुनाव जनता का निर्णय है। कोई हारता है, कोई जीतता है। जीतनेवाले और हारनेवाले दोनो पक्षों में कुछ उपद्रवी तत्व हो सकते हैं। जीतनेवाले जीत के उत्साह में और हारनेवाले पक्ष के लोग हार की हताशा में कुछ ऐसे काम करने लगते हैं, जिससे विधि व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाती है। फिर पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठी चलानी पड़ती है, गोली चलानी पड़ती है। ऐसी स्थिति में लोग घायल होते हैं, मरते हैं, फिर केस मुक़दमे ,गिरफ़्तारी, कुर्की ज़ब्ती। और फिर अपनी परेशानी और सूबे की बदनामी। एक बार केस मुक़दमे में उलझ गए तो गुंडा रजिस्टर में नाम दर्ज होना तो अबकी बार तय है। फिर जीवन भर की आफ़त। चुनाव के दौरान भी पूरे सूबे में सिर्फ़ 7-8 जगहों पर कुछ असामाजिक तत्वों ने गुंडागर्दी करने की कोशिश की। वो कुछ कर तो नहीं पाए लेकिन अपना भविष्य अवश्य बर्बाद कर लिया। ठोक कर मुक़दमे हुए और आगे इसका जो नतीजा होगा वो समय बताएगा। क़ानून से बड़ा कोई नहीं है और क़ानून हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती।
मैं अपील बिहार की अवाम से अपील करता हूं, विशेषकर नौजवानों से कि वो किसी के बहकावे में आकर कोई ऐसा काम ना करें जिससे उनका भविष्य ख़राब हो। चंद लोग ही उपद्रवी होते हैं जो ये सब करते हैं, कराते हैं। आप सतर्क रहें। कहीं जातीय, दलीय या साम्प्रदायिक तनाव नहीं फैलने दें। कुछ लोग गुंडागर्दी को ही पुरुषार्थ समझते हैं और अशांति, उपद्रव एवं हिंसा फैलाने में ही गर्व अनुभव करते हैं। उनसे कैसे निबटना है, ये पुलिस बल को समझा दिया गया है। पुलिस और प्रशासन के लोग ऐसे उपद्रवी तत्वों से अच्छी तरह निबट लेंगे। क़ानून तोड़ने वालों को मेरी एक बात केवल याद रहनी चाहिए, “किसी की सिफ़ारिश काम नहीं आएगी"। अपने नफ़ा नुक़सान का ठीक से हिसाब लगा कर ही कोई निर्णय लें। फिर कोई मदद नहीं कर पाएगा।
मुझे बिहार की आवाम पर, विशेष रूप से बिहार के बहादुर अपने नौजवान दोस्तों पर गर्व है। मुझे विश्वास है आप बिहार को बदनाम नहीं होने देंगे और उपद्रव तथा अशांति फैलानेवाले तत्वों पर एक सैनिक की तरह नज़र रखेंगे। बिहार के सभी SP, DM, DIG, IG आदि पदाधिकारियों को ठीक से समझा दिया गया है कि उन्हें क्या करना है और उपद्रवी तत्वों से कैसे निबटना है। मैं पुनः आप सभी बिहारवासियों को आदर सहित प्रणाम करते हुए बिहार में मतगणना के दौरान और उसके बाद विधि व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील करता हूं।
आपको बता दें कि मंगलवार को राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने एक विवादित बयान देकर राजनीति को गर्म कर दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर चुनावों के परिणाम उनके अपेक्षा के अनुरूप नहीं आये तो खून बहेगा। जिसके बाद महागठबंधन के कई नेताओं ने भी सुर में सुर मिलाया है। इस पर सत्ता ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि बिहार में कानून का राज है। किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राजनेताओं के विवादित और उन्मादी बयान के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सभी राज्यों की पुलिस और प्रशासन को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है।
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