बैंक उपभोक्ता कृपया ध्यान दें! ऑनलाइन मनी ट्रांस्फर हुआ निःशुल्क, जीरो बैलेंस खातों में न्यूनतम राशि शुल्क भी खत्म
रतीय रिजर्व बैंक के निर्णयानुसार अब आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसा भेजने पर बैंकों द्वारा कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा। रिजर्व बैंक ने इस तरह के धन प्रेषण पर बैंकों के ऊपर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है।
अगर आप बैंक उपभोक्ता हैं और रीयल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) अथवा नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) से फंड ट्रांस्फर करते हैं,तो आपको लिए खुशखबरी है। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णयानुसार अब आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए पैसा भेजने पर बैंकों द्वारा कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।
रिजर्व बैंक ने इस तरह के धन प्रेषण पर बैंकों के ऊपर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली से लेनदेन पर शुल्क हटाने की घोषणा की है। रिजर्व बैंक ने इसी के साथ बैंकों को उसी दिन से ग्राहकों को नई व्यवसथा का लाभ देने के लिए कहा है।
दरअसल, आरटीजीएस प्रणाली का इस्तेमाल बड़ी राशि के लेनदेन के लिए उपयोग किया जाता है, जबकि एनईएफटी प्रणाली का उपयोग दो लाख रुपये तक की राशि के लेनदेन के लिए होता है। भारतीय बैंक संघ के चेयरमैन सुनील मेहता ने कहा, ‘‘डिजिटल लेनदेन बढ़ाने के लिहाज से रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी धन प्रेषण पर बैंकों पर कोई भी शुल्क नहीं लगाने का निर्णय किया है। यह कदम बैंकों को ग्राहकों के लिए इन डिजिटल माध्यमों से धन हस्तांतरण पर शुल्क कम करने में मदद करेगा।’’
5 से 50 रुपये तक लगता था शुल्क
देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक एनईएफटी के जरिए धन भेजने पर एक से पांच रुपये और आरटीजीएस पर पांच से 50 रुपये तक का शुल्क वसूलता था। देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंक ने नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति ने ऑनलाइन लेनदेन पर इस तरह के शुल्क हटाने की सिफारिश की थी, जिसके बाद केंद्रीय बैंक ने यह निर्णय लिया है। रिजर्व बैंक ने एटीएम से लेनदेन पर बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्कों की समीक्षा के लिए भी भारतीय बैंक संघ के कार्यकारी प्रमुख वीजी कन्नन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही सामने आएगी।
जीरो बैलेंस खातों में न्यूनतम राशि पर शुल्क खत्म
इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत सभी बैंकों में जीरो बैलेंस पर खुले खातों में न्यूनतम रकम होने पर शुल्क वसूलने का नियम खत्म हो गया है। इन खातों में कम पैसे भी हुए तो शुल्क नहीं लिया जाएगा। इससे लाखों खाताधारकों को फायदा होगा। अभी तक इन खातों में न्यूनतम एक और तीन हजार रुपए नहीं रखने पर शुल्क के तौर पर 12 से 100 रुपए तक काटे जा रहे थे।
यह नियम सभी बैंकों में समान रूप से लागू होगा
रिजर्व बैंक के निर्णय के बाद से स्टेट बैंक समेत सभी बैंकों में यह नियम लागू हो गया है। प्राथमिक बचत बैंक जमा खाता (बीएसबीडी) से मतलब ऐसे खातों से है जिन्हें जीरो बैलेंस में खोला जा सकता है। इन खातों में अभी तक चेक बुक या दूसरी सुविधाएं लेने पर भी अतिरिक्त शुल्क लेना पड़ता था, जिससे अब राहत मिल जाएगी। वित्तीय समावेशी अभियान के तहत आरबीआई ने बैंकों से बचत खाते के रूप में बीएसबीडी खाते की सुविधा देने की अनुमति दी है।
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