लेखक व बुद्धिजीवी फिर से मोदी सरकार बनाने के लिए हुए एकजुट
एकेडेमिक्स फार नमो संगठन का गठन नरेन्द्र मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने के उद्देश्य से की गई है। इस संगठन में पूरे देशभर के प्राध्यापकों, शोधार्थियों और बुद्धिजीवियों को जोड़ा जा रहा है। यह पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है जिसमें मोदी सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में किए गए कार्यों के बारे में लोगों को जागरूक कर रहा है। इससे जुड़े अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ लेखों के माध्यम से बता रहे हैं कि क्यों मोदी का दुबारा प्रधानमंत्री बनना जरूरी है।
नई दिल्ली। पांच चरणों के चुनाव समाप्त हो चुके हैं और अब हम नम्बर के खेल में जीत दर्ज कर चुके हैं। अब यह तय हो गया है कि दुबारा नरेंद्र मोदी की सरकार बन रही है... ये उक्त बातें एकेडेमिक्स फार नमो संगठन के कोर कमेटी के सदस्य स्वदेश सिंह ने 7 मई को सेवा भारती कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने आगे कहा कि अब तक कांग्रेस और वामपंथ से जुड़े बुद्धिजीवी नैरेटिव सेट करते थे। यह पहला मौका है जब एकेडेमिक्स फार नमो एजेंडा सेट कर रहा है और वे जवाब दे रहे हैं।
वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर प्रकाश सिंह ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि आज इस संगठन से हजारों लोग जुड़ चुके हैं। अब तक राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़े बुद्धिजीवी, प्राध्यापक और शोधार्थी चुनावों के दौरान बहुत अधिक सक्रिय नहीं हो पाते थे। इस संगठन ने उन्हें मंच प्रदान किया है जिसका वे भरपूर उपयोग कर रहे हैं। देश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में इस संगठन के बैनर तले कम-से-कम एक कार्यक्रम जरूर आयोजित हुए हैं। हमने सरकार की उपलब्धियों और नीतियों का पूरा एक डाटाबेस तैयार किया है।
यह बता दें कि एकेडेमिक्स फार नमो का गठन हुए दो महीने पूरे हो चुके हैं। इस संगठन का गठन नरेन्द्र मोदी को दुबारा प्रधानमंत्री बनाने के उद्देश्य से की गई है। इस संगठन में पूरे देशभर के प्राध्यापकों, शोधार्थियों और बुद्धिजीवियों को जोड़ा जा रहा है। यह पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है जिसमें मोदी सरकार द्वारा पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में किए गए कार्यों के बारे में लोगों को जागरूक कर रहा है। इससे जुड़े अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ लेखों के माध्यम से बता रहे हैं कि क्यों मोदी का दुबारा प्रधानमंत्री बनना जरूरी है।
इस बैठक में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, आई आई टी दिल्ली आदि से जुड़े सैकडों की संख्या में प्राध्यापकों और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया और अपने-अपने संस्थानों में किए गए कार्यों की जानकारी दी। इस मौके पर एकेडेमिक्स फार नमो की टी शर्ट भी लान्च की गई।
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