जेएनयू में गार्ड की नौकरी करते हुए 'राजमल' ने बीए रशियन हॉनर्स की प्रवेश परीक्षा किया पास
पढ़ाई पूरी तरह से छोड़ चुके रामजल मीणा की पढ़ाई में फिर से दिलचस्पी शुरू हो गई। वैसे तो वह शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे लेकिन घर की समस्यायों की वजह से वो अपनी पढाई को निरंतर नहीं कर पाए और पढाई छोड़कर काम पर लगना पड़ा।
कहते हैं यदि आपके हौसलें बुलंद हो तो कुछ भी कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही बुलंद हौसलें लेकर राजस्थान के राजमल मीणा ने कर दिखाया है, जिसे सुनकर आप विश्वास नहीं कर पाएंगे। 5 सालों से JNU में सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे राजमल ने कठिन परिश्रम के बल पर यहां बीए रशियन हॉनर्स की प्रवेश परीक्षा पास की है। अब वह 'रशियन लैंग्वेज' में बैचलर कोर्स करेंगे।
बता दें कि पढ़ाई पूरी तरह से छोड़ चुके रामजल मीणा की पढ़ाई में फिर से दिलचस्पी शुरू हो गई। वैसे तो वह शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे लेकिन घर की समस्यायों की वजह से वो अपनी पढाई को निरंतर नहीं कर पाए और पढाई छोड़कर काम पर लगना पड़ा।
माता-पिता, तीन बहनों, एक पत्नी और तीन बच्चे की जिम्मेदारी की वजह से 2003 से मजदूरी करने लगे हैं। उन पर तीन बहनों की शादी की जिम्मेदारी थी। उस वक्त दिनभर काम करने पर 70 रुपए मिलते थे। मगर फिर एक दिन पिता ने कहा, पढ़ाई करो और कुछ बढ़िया करो। क्लास 5 से 10 तक क्लास में हमेशा पहला नंबर आता था इसलिए उन्हें कुछ उम्मीदें थीं। फिर वह जयपुर आ गए। वहां ओपन से बीए का फॉर्म भरा। वहां देखा एक सिक्यॉरिटी कंपनी में भर्ती हो रही थी। इसमें भर्ती हो गया। इसके बाद ट्रेनिंग के लिए गुड़गांव पहुंचा, फिर दिल्ली मेट्रो में सिक्यॉरिटी गार्ड बना और फिर 2014 में जेएनयू पहुंच गए।
2014 से ही राजमल ने जेएनयू में एडमिशन के लिए तैयारी कर रहे थे। पिछले साल ही उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से ओपन एजुकेशन के जरिए राजनीति विज्ञान, इतिहास और हिंदी में ग्रेजुएशन किया। इस मई 2019 में उन्होंने एग्जाम दिया और अब उसे क्रैक भी करके दिखा दिया। कहते हैं ना यदि लगन और संकल्प हो तो कुछ भी किया जा सकता है।
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