कर्ज और बेरोजगारी के चलते 3 साल में 26 हजार लोगों ने दे दी जान, संसद में केंद्र सरकार के द्वारा बताया
देश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर अक्सर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहती है। बेरोजगारी की वजह से कई लोग अपनी जान दे देते हैं। इसी बीच सरकार ने बुधवार यानी 9 फरवरी को संसद में बेरोजगारी की वजह से अपनी जान देने वालों का एक आंकड़ा पेश किया है। सरकार ने राज्यसभा को बताया कि 3 साल के भीतर बेरोजगारी की वजह से 10 हजार लोगों ने अपनी जान दे दी।
देश में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर अक्सर केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर रहती है। बेरोजगारी की वजह से कई लोग अपनी जान दे देते हैं। इसी बीच सरकार ने बुधवार यानी 9 फरवरी को संसद में बेरोजगारी की वजह से अपनी जान देने वालों का एक आंकड़ा पेश किया है। सरकार ने राज्यसभा को बताया कि 3 साल के भीतर बेरोजगारी की वजह से 10 हजार लोगों ने अपनी जान दे दी।
इसके अलावा सरकार ने बताया कि 2018 से 2020 के बीच 16,000 से अधिक लोगों ने दिवालियेपन या कर्ज के कारण आत्महत्या की, जबकि 9140 लोगों ने बेरोजगारी के कारण अपनी जान दे दी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 2020 में 5,213 लोगों ने दिवालियेपन या कर्ज के कारण 2019 में 5,908 और 2018 में 4,970 लोगों ने आत्महत्या की।
एक लिखित सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि 2020 में बेरोजगारी के कारण कुल 3,548 लोगों ने, 2019 में 2,851 और 2018 में 2,741 लोगों ने आत्महत्या की।
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